दुनिया के दबाव में नहीं आएगा भारत: रूस से निभाई दोस्ती, यूक्रेन पर 'ज्वाइंट स्टेटमेंट' से खुद को किया अलग
Ukraine Peace Summit: भारत ने यूक्रेन में शांति के लिए स्विट्जरलैंड द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन में संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर नहीं करते हुए खुद को इससे अलग कर लिया है। भारत ने संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए रूस और यूक्रेन के बीच ईमानदारी और व्यावहारिक भागीदारी का आह्वान किया है।
volodymyr zelensky
Ukraine Peace Summit: भारत ने एक बार फिर अपनी कूटनीति से सभी को चौंका दिया है। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वह दुनिया के दबाव में भी आने वाला नहीं है। दरअसल, भारत ने यूक्रेन में शांति के लिए स्विट्जरलैंड द्वारा आयोजित शिखर सम्मेलन में संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर नहीं करते हुए खुद को इससे अलग कर लिया है। भारत ने संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए रूस और यूक्रेन के बीच ईमानदारी और व्यावहारिक भागीदारी का आह्वान किया है।
बता दें, विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) पवन कपूर ने स्विस रिसॉर्ट बर्गेनस्टॉक में आयोजित शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिसमें कई राष्ट्राध्यक्षों सहित 100 से अधिक देशों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। भारत ने शिखर सम्मेलन से जारी होने वाले किसी भी विज्ञप्ति या दस्तावेज से खुद को अलग कर लिया।
रूस को नहीं किया गया था आमंत्रित
अपने संक्षिप्त संबोधन में भारत के वरिष्ठ राजनयिक ने कहा कि शांति शिखर सम्मेलन में भारत भागीदारी और यूक्रेन के शांति फार्मूले पर आधारित वरिष्ठ अधिकारियों की कई पूर्व बैठकें हमारे स्पष्ट और सुसंगत दृष्टिकोण के अनुरूप हैं कि स्थायी शांति केवल बातचीत और कूटनीति के माध्यम से ही प्राप्त की जा सकती है। रविवार को संपन्न हुए शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भविष्य की शांति प्रक्रिया को प्रेरित करना था। रूस को शिखर सम्मेलन में आमंत्रित नहीं किया गया था, जबकि चीन ने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया।
दोनों पक्षों के साथ बातचीत जारी रखेगा भारत
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, भारत ने इस शिखर सम्मेलन से जारी होने वाले किसी भी विज्ञप्ति या दस्तावेज से खुद को संबद्ध नहीं किया है। मंत्रालय ने बयान में कहा कि सम्मेलन में भारत की भागीदारी, साथ ही यूक्रेन के शांति फार्मूले पर आधारित पूर्ववर्ती एनएसए या राजनीतिक निदेशक स्तर की बैठकों में भागीदारी, संवाद और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान को सुगम बनाने के हमारे सतत दृष्टिकोण के अनुरूप है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का मानना है कि इस तरह के समाधान के लिए संघर्ष में शामिल दोनों पक्षों के बीच ईमानदारी और व्यावहारिक भागीदारी की आवश्यकता है। मंत्रालय ने कहा, इस संबंध में, भारत सभी हितधारकों के साथ-साथ दोनों पक्षों के साथ बातचीत जारी रखेगा, ताकि शीघ्र और स्थायी शांति लाने के लिए सभी गंभीर प्रयासों में योगदान दिया जा सके। स्विट्जरलैंड के विदेश मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि 83 देशों और संगठनों ने यूक्रेन में शांति पर उच्च स्तरीय सम्मेलन के अंत में संयुक्त बयान को मंजूरी दी।
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