'मिनी इंडिया' से चीन को जवाब, मॉरीशस में तैयार हुआ भारत का सैन्य बेस, हिंद महासागर में बढ़ी नेवी की धाक

India Military base in Mauritius: पीएम मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगुनाथ दोनों नेताओं ने द्वीप पर बने तीन किलोमीटर लंबे रनवे, सेंट जेम्स जेट्टी सहित छह प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। समझा जाता है कि इस सैन्य बेस के जरिए भारत हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों खासकर उसकी पनडुब्बियों पर करीबी नजर रख सकेगा।

मॉरीशस में भारतीय सैन्य बेस का उद्घाटन।

India Military base in Mauritius: हिंद महासागर में चीन की बढ़ते असर और उसके फुटप्रिंट्स को कमजोर करने के लिए भारत इस क्षेत्र में लगातार अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है। इसी क्रम में 'मिनी इंडिया' के नाम से मशहूर द्विपीय देश मॉरीशस में भारतीय सैन्य बेस बनकर तैयार हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मॉरीशस के अपने समकक्ष प्रविंद जगन्नाथ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अगालेगा द्वीप में सैन्य बेस का उद्घाटन किया।

चीन की पनडुब्बियों की होगी निगरानी

रिपोर्टों के मुताबिक दोनों नेताओं ने द्वीप पर बने तीन किलोमीटर लंबे रनवे, सेंट जेम्स जेट्टी सहित छह प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया। समझा जाता है कि इस सैन्य बेस के जरिए भारत हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों खासकर उसकी पनडुब्बियों पर करीबी नजर रख सकेगा। यह देखने में आया है कि चीन पिछले कुछ वर्षों से हिंद महासागर में गुपचुप तरीकों से अपनी पनडुब्बियों को भेजता रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि दरअसल समुद्री डाटा जुटाने और रिसर्च के नाम पर वह अपनी पनडुब्बियों के जरिए भारत की जासूसी करता है।

हिंद महासागर में भारत को घेरना चाहता है चीन

हिंद महासागर में भारत को घेरने के लिए वह श्रीलंका के हंबनटोटा और पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह पर मोटी रकम लगा चुका है। श्रीलंका का हंबनटोटा बंदरगाह को उसके 99 साल के लीज पर है। अभी कुछ दिनों पहले उसकी एक पनडुब्बी मालदीव के पास नजर आई। उसकी कोशिश समुद्र में भारत को चारो तरफ से घेरने की है। उसकी इस नीयत को भारत भी समझता है और उसे जवाब देने की पूरी तैयारी कर रहा है।

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