भारत के साथ चीन जैसा खेल खेल रहा नेपाल! 100 के नोट पर छापेगा लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी जैसे विवादित इलाके
India Nepal Border Dispute: नेपाल सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा ने बताया कि नेपाल ने 100 रुपये के नए नोट छापने का ऐलान किया है, इस नोट में उसने लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी जैसे भारतीय इलाकों को छापने की भी घोषणा की है। महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत सरकार इन क्षेत्रों पर अपना दावा रखती है।
भारत-नेपाल
India Nepal Border Dispute: भारत का पड़ोसी देश नेपाल भी अब चीन की राह पर चल पड़ा है। एक तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाकर वह भारत के साथ चीन की तरह गंदा खेल खेल रहा है। सामने आया है कि नेपाल ने 100 रुपये के नए नोट छापने का ऐलान किया है, इस नोट में उसने लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी जैसे भारतीय इलाकों को छापने की भी घोषणा की है। महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत सरकार इन क्षेत्रों पर अपना दावा करती है और पहले ही इन क्षेत्रों को कृत्रिम रूप से विस्तारित करार दे चुकी है।
उधर, नेपाल सरकार की प्रवक्ता रेखा शर्मा ने कैबिनेट फैसले के बारे में जानकारी देते हुए मीडियाकर्मियों को बताया, प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में 100 रुपये के नोट में नेपाल का नया नक्शा छापने का निर्णय लिया गया, जिसमें लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को दर्शाया जाएगा। रेखा शर्मा ने कहा, कैबिनेट ने 25 अप्रैल और 2 मई को हुई बैठकों के दौरान 100 रुपये के बैंक नोट को फिर से डिजाइन करने और बैंक नोट के बैकग्राउंड में छपे पुराने मैप को बदलने की मंजूरी दी है।
तीनों क्षेत्रों पर अपना दावा रखता है भारत
बता दें, 18 जून, 2020 को नेपाल ने अपने संविधान में संशोधन किया था। इस दौरान रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को देश के राजनीतिक मैप में शामिल किया था। नेपाल के इस कदम का भारत ने कड़ा विरोध किया था और इसे एकतरफा कार्यवाही करार दिया था। भारत सरकार इन तीनों क्षेत्रों पर अपना दावा रखता है और इन क्षेत्रों को नेपाल का हिस्सा मानने से इंकार करता आया है।
विवाद की वजह क्या है?
भारत नेपाल के साथ सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड जैसे पांच राज्यों के साथ 1850 किलोमीटर की लंबी सीमा साझा करता है। मौजूदा समय में भारत व नेपाल के बीच लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा पर सीमा विवाद है। इसमें कालापानी उत्तराखंड के पिथोरागढ़ जिले में हैं। इस क्षेत्र में काली नदी के स्रोत का पता लगाने के लिए भारत-नेपाल के बीच सीमा विवाद है। नेपाल का दावा है कि महाकाली नदी के पूर्वी हिस्से में स्थित यह क्षेत्र सुगौली संधि के तहत नेपाल का हिस्सा है और पश्चिमी हिस्से को भारत का इलाका माना गया था। दावा है कि भारत की आजादी के बाद से कालापानी का इलाका सालों तक नेपाल के शासन में रहा। बाद में नेपाल ने केवल कुछ समय के लिए भारतीय फौज को वहां रहने की इजाजत दी थी, लेकिन वहां भारतीय सेना अब भी मौजूद है। इस विवाद के बीच 2019 में भारतीय सेना ने एक नया नक्शा जारी किया था, जिसमें कालापानी को भारत के क्षेत्र में दिखाया गया था, इसकी प्रतिक्रिया में नेपाल ने भी एक नक्शा जारी किया और लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को अपने क्षेत्र के रूप में दिखाया था।
चीन करता रहता है ऐसी हिमाकत
भारत के साथ सीमा विवाद के चलते भारतीय क्षेत्रों को अपना बताने जैसी हिमाकत चीन कई बार कर चुका है। अभी हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 30 जगहों को अपना बताते हुए उनके नाम बदल दिए थे। चीन ने 12 पहाड़, 4 नदियां, 1 झील, 1 पहाड़ी दर्रा, 11 रिहायशी इलाके और जमीन का एक टुकड़े के नाम बदले थे। इससे पहले भी कई बार चीन भारतीय क्षेत्रों के नए नाम जारी कर चुका है। हालांकि, भारत चीन की इस हरकत का खंडन करता आया है।
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