पीएम मोदी के रूस दौरे को लेकर अमेरिकी राजदूत के बयान पर भारत का जवाब, विदेश मंत्रालय ने सुनाई खरी-खरी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि कई अन्य देशों की तरह भारत भी अपनी रणनीतिक स्वायत्तता को महत्व देता है। अमेरिकी राजदूत को अपनी राय रखने का अधिकार है। जाहिर है, हमारे विचार अलग-अलग हैं।

विदेश मंत्रालय का जवाब

India Reacts To US Envoy's Remarks: भारत ने अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी के ‘रणनीतिक स्वायत्तता’ को लेकर दिए गए बयान के कुछ दिन बाद इसका जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह राजदूत के विचारों से सहमत नहीं है। भारत ने कहा कि वह अपनी रणनीतिक स्वायत्तता को महत्व देता है और वह राजदूत के विचारों से सहमत नहीं है। गार्सेटी ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम में कहा था कि संघर्ष के समय रणनीतिक स्वायत्तता लागू नहीं हो सकती है और भारत और अमेरिका को नियम-आधारित व्यवस्था के उल्लंघन या संप्रभु सीमाओं के उल्लंघन के समय सिद्धांतों को बनाए रखने की दिशा में काम करना चाहिए।

मोदी की रूस यात्रा पर यूएस राजदूत का बयान

अमेरिकी राजदूत ने यह बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस की यात्रा के बाद दिया था। गार्सेटी ने मोदी की रूस यात्रा का कोई संदर्भ नहीं दिया था, लेकिन उनकी टिप्पणियों को मोटे तौर पर इस यात्रा को लेकर अमेरिका की आलोचना के रूप में देखा गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि कई अन्य देशों की तरह भारत भी अपनी रणनीतिक स्वायत्तता को महत्व देता है। अमेरिकी राजदूत को अपनी राय रखने का अधिकार है। जाहिर है, हमारे विचार अलग-अलग हैं।

भारत ने कहा, एक-दूसरे के दृष्टिकोण का सम्मान जरूरी

उन्होंने कहा, अमेरिका के साथ हमारी व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी हमें एक-दूसरे के दृष्टिकोण का सम्मान करते हुए कुछ मुद्दों पर असहमत होने पर भी सहमत होने का अवसर देती है। जायसवाल ने यह टिप्पणी तब की, जब उनसे गार्सेटी की टिप्पणी के बारे में पूछा गया। मोदी की रूस यात्रा पर कुछ अमेरिकी अधिकारियों की आलोचनापूर्ण टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारों के रूप में, भारत और अमेरिका आपसी हित के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर नियमित रूप से चर्चा करते हैं। राजनयिक वार्ता का ब्योरा साझा करना हमारी परंपरा नहीं है।

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