भारत ने कनाडा के नए आरोपों को सिरे से किया खारिज, दोनों देशों के बीच कूटनीतिक विवाद और गहराया

दोनों देशों में तनाव बढ़ने के बीच कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने भारत के खिलाफ पाबंदी लगाने की संभावना को खारिज नहीं किया और कहा कि सभी विकल्प विचाराधीन हैं। वहीं, भारत ने कनाडा में आपराधिक गिरोहों से भारतीय एजेंटों को जोड़ने के कनाडाई अधिकारियों के प्रयासों को पुरजोर तरीके से खारिज कर दिया।

PM Modi, Trudeau

भारत-कनाडा तनाव गहराया

India Rejects Canada's New Allegations: सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मुद्दे को लेकर भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद मंगलवार को और गहरा गया। कनाडा ने मामले में कुछ निष्कर्षों के मद्देनजर भारत के खिलाफ संभावित प्रतिबंधों का संकेत दिया वहीं, भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। कनाडा के अधिकारियों ने बिश्नोई गिरोह को कनाडा में हिंसक आपराधिक गतिविधियों सहित गुप्त अभियानों को अंजाम दिए जाने में भारत सरकार के एजेंटों के साथ जोड़ने का भी प्रयास किया और आरोपों के समर्थन में स्पष्ट सबूत होने का दावा किया।

भारत के खिलाफ पाबंदी लगाने की संभावना

दोनों देशों में तनाव बढ़ने के बीच कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने भारत के खिलाफ पाबंदी लगाने की संभावना को खारिज नहीं किया और कहा कि सभी विकल्प विचाराधीन हैं। भारत ने कनाडा में आपराधिक गिरोहों से भारतीय एजेंटों को जोड़ने के कनाडाई अधिकारियों के प्रयासों को पुरजोर तरीके से खारिज कर दिया। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कनाडा का यह दावा सच नहीं है कि उसने निज्जर मामले में भारत के साथ साक्ष्य साझा किए थे। सूत्रों ने कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो के इन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि भारत, कनाडा में कनाडाई नागरिकों को निशाना बनाते हुए गुप्त अभियान चलाने सहित कई गतिविधियों में शामिल था।

ट्रूडो ने कहा, ऐसे मामले बर्दाश्त नहीं

ट्रूडो ने एक संवाददाता सम्मेलन में निज्जर मामले में भारत पर उंगली उठाते हुए कहा कि कनाडा अपनी धरती पर अपने नागरिकों को धमकाने और मारने में किसी विदेशी सरकार की संलिप्तता कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। भारत ने सोमवार को कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और सिख चरमपंथी निज्जर की हत्या की जांच से अपने राजनयिक को जोड़ने के कनाडा के आरोपों को खारिज करने के बाद वहां से अपने उच्चायुक्त को वापस बुलाने की घोषणा की। जोली ने प्रेस वार्ता में एक सवाल के जवाब में भारत के खिलाफ आगे और कार्रवाई की संभावना से इनकार नहीं किया। उन्होंने कहा, आज वाकई एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। आप यदि हमारे पास उपलब्ध विकल्पों को देखें तो राजनयिकों को निष्कासित करना वियना समझौते के तहत किसी देश द्वारा उठाए जा सकने वाले सबसे कठोर कदमों में से एक है। हर विकल्प पर विचार हो रहा है।

ट्रूडो ने की स्टॉर्मर से फोन पर बातचीत

इस बीच, कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर से फोन पर बातचीत की और उस मुद्दे से जुड़े घटनाक्रम पर चर्चा की जिसे कनाडा भारत सरकार से जुड़े एजेंटों द्वारा कनाडाई नागरिकों के खिलाफ लक्षित अभियान बताता है। ब्रिटेन सरकार के एक बयान में कहा गया है कि स्टॉर्मर और ट्रूडो ने हाल के घटनाक्रम पर चर्चा की और दोनों ने कानून के शासन के महत्व पर सहमति व्यक्त की। बयान में कहा गया, वे जांच के निष्कर्ष तक करीबी संपर्क में रहने के लिए सहमत हुए। पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा खालिस्तानी चरमपंथी निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में गंभीर तनाव पैदा हो गया था।

निज्जर मामले में भारत को प्रामाणिक सबूत नहीं दिए

भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि कनाडाई अधिकारियों का यह दावा सच नहीं है कि कनाडा ने निज्जर मामले में भारत को प्रामाणिक सबूत दिए हैं। सूत्र ने कहा, सभी कनाडाई अधिकारियों का मुख्य दावा यह है कि भारत को प्रामाणिक सबूत पेश किए गए हैं। यह बात उनके प्रभारी राजदूत स्टीवर्ट व्हीलर्स ने भी प्रेस के सामने दोहराई। सीधी सी बात है कि यह सच नहीं है। उसने कहा, बहुत पहले से कनाडा की कोशिश बे सिर-पैर के आरोप लगाने की रही है। सूत्रों ने भारतीय एजेंटों को बिश्नोई गिरोह से जोड़ने के आरसीएमपी के प्रयासों को भी खारिज कर दिया। सूत्रों ने कहा कि आरसीएमपी की प्रेस ब्रीफिंग में कुछ लोगों के भारत से संबंधों के बारे में दावे किए गए, लेकिन किसी भी मामले में कोई विशेष जानकारी नहीं दी गई। सूत्रों के अनुसार लोगों को जवाबदेह ठहराने के बारे में भी बात हुई, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया कि किसके बारे में बात हो रही है।

कनाडा ने कारोबारी समुदाय को दिया आश्वासन

सूत्रों ने ओटावा में भारतीय उच्चायुक्त पर निशाना साधने के लिए भी कनाडा की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कितनी बेतुकी बात है कि पिछले एक साल में उच्चायुक्त के साथ अत्यधिक कामकाज के बाद कनाडा की सरकार अब उन पर निशाना साध रही है। इस बीच कनाडा की अंतरराष्ट्रीय व्यापार और आर्थिक विकास मंत्री मैरी एंग ने कनाडा के कारोबारी समुदाय को आश्वासन दिया कि ओटावा दोनों देशों के बीच भलीभांति स्थापित वाणिज्यिक संबंधों का समर्थन करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, कनाडा कानून व्यवस्था के आधार पर स्थापित देश है और हमारे नागरिकों की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। आरसीएमपी के आज दिए बयान के मद्देनजर हम कनाडा के लोगों की सुरक्षा के लिए और कदम उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा, मैं समझती हूं कि आज के घटनाक्रम का भारत में कारोबार कर रहे या निवेश कर रहे कनाडा के नागरिकों पर क्या असर पड़ सकता है और इस समय लोग किस तरह की अनिश्चितता को महसूस कर सकते हैं। मैरी ने कहा, मैं अपने उद्यमी समुदाय को पुन: आश्वस्त करना चाहती हूं कि हमारी सरकार कनाडा और भारत के बीच भलीभांति स्थापित वाणिज्यिक संबंधों का समर्थन करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। (भाषा इनपुट)
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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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