फिलिस्तीन के समर्थन में खुलकर आया भारत, अमेरिका-इजराइल को UN में दिया झटका

India Supported Palestine: संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता हासिल करने के फिलिस्तीन के प्रयासों के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के खिलाफ अमेरिका ने पिछले महीने वीटो का इस्तेमाल किया था। अब भारत ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है।

Ruchira Kamboj

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज

India Supported Palestine: संयुक्त राष्ट्र में भारत ने इजराइल को बड़ा झटका देते हुए फिलिस्तीन का समर्थन किया है। भारत ने उम्मीद जताई है कि संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य बनाए जाने के फिलिस्तीन के आवेदन पर पुनर्विचार किया जाएगा और इस कोशिश को समर्थन मिलेगा। बता दें, संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता हासिल करने के फिलिस्तीन के प्रयासों के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के खिलाफ अमेरिका ने पिछले महीने वीटो का इस्तेमाल किया था।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मसौदा प्रस्ताव पर मतदान किया था, जिसके पक्ष में 12 वोट पड़े थे। स्विट्जरलैंड और ब्रिटेन मतदान से दूर रहे थे और अमेरिका ने वीटो का इस्तेमाल किया था। मसौदा प्रस्ताव तभी पारित होता है यदि उसे परिषद के 15 में से कम से कम नौ सदस्यों का समर्थन मिले और उसके स्थायी सदस्यों-चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका में से कोई भी वीटो का इस्तेमाल नहीं करे।

द्विराष्ट्र समाधान से ही स्थायी शांति संभव

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा, हम जानते हैं कि संयुक्त राष्ट्र में सदस्यता के लिए फिलिस्तीन के आवेदन को वीटो के कारण सुरक्षा परिषद ने अनुमोदित नहीं किया, लेकिन मैं भारत की दीर्घकालिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए शुरुआत में ही यह बताना चाहती हूं कि हम आशा करते हैं कि उचित समय पर इस पर पुनर्विचार किया जाएगा और संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने के फिलिस्तीन के प्रयास का समर्थन किया जाएगा। उन्होंने कहा, भारतीय नेतृत्व ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि इजराइल और फलस्तीन के बीच सीधी और सार्थक बातचीत के माध्यम से प्राप्त द्विराष्ट्र समाधान ही स्थायी शांति को संभव बनाएगा।

गाजा में बढ़ रहा मानवीय संकट

रुचिरा कंबोज ने कहा, भारत ऐसे द्विराष्ट्र समाधान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां फलस्तीनी लोग इजराइल की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित सीमाओं के भीतर एक स्वतंत्र देश में स्वतंत्र रूप से रह सकें। कंबोज ने इस बात पर जोर दिया कि स्थायी समाधान पर पहुंचने के लिए भारत सभी पक्षों से शीघ्र ही प्रत्यक्ष शांति वार्ता फिर से शुरू करने के लिए अनुकूल परिस्थितियों को बढ़ावा देने का आग्रह करेगा। कंबोज ने कहा कि गाजा में हालिया संघर्ष छह महीने से अधिक समय से जारी है और इससे उत्पन्न मानवीय संकट बढ़ता जा रहा है। क्षेत्र और उसके बाहर भी अस्थिरता बढ़ने की संभावना है।

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