G-7 समिट में सबसे बड़े कद्दावर नेता होंगे PM मोदी, वैश्विक एजेंडा तय करने में भारत की होगी अहम भूमिका

G-7 Summit 2024: इस बार जी-7 के एजेंडे में यूरोपीय देशों के शरणार्थी संकट, हिंद प्रशांत महासागर की आर्थिक सुरक्षा, मध्य पूर्व देशों के हालात, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, एआई सहित तमान विषय शामिल हैं। दुनिया के दिग्गज नेता इन मुद्दों पर विचार-विमर्श और गहन चर्चा कर समिट के एजेंडे को अंतिम रूप देंगे।

जी-7 समिट के लिए इटली में जुटे हैं वैश्विक नेता।

G-7 Summit 2024 : दुनिया में आर्थिक रूप से मजबूत और ताकतवर देशों के नेताओं की जुटान इटली में हो रही है। G-7 शिखर सम्मेलन में इसके सात सदस्य देशों अमेरिका, फ्रांस, इटली, जापान, कनाडा, जर्मनी और ब्रिटेन के राष्ट्राध्यक्षों की मौजूदगी में वैश्विक एजेंडे पर चर्चा होगी। इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी वहां पहुंचे हैं। भारत जी-7 देश का सदस्य नहीं है फिर भी विश्व में भारत के बढ़ते कद और उसकी अर्थव्यवस्था के बढ़ते आकार को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया गया है। भारत की आर्थिक ताकत और जी-7 देशों के साथ इसके करीबी रिश्ते उसे इस वैश्विक मंच पर आमंत्रित करते हैं।

युद्धों और चुनौतियों के बीच खास है यह बैठक

जी-7 की यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब दुनिया कई तरह के चुनौतियों और युद्धों का सामना कर रही है। यूक्रेन और रूस का युद्ध अभी थमा नहीं है। गाजा में अपनी कार्रवाई को लेकर इजरायल निशाने पर है। इस बार जी-7 के एजेंडे में यूरोपीय देशों के शरणार्थी संकट, हिंद प्रशांत महासागर की आर्थिक सुरक्षा, मध्य पूर्व देशों के हालात, जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा, एआई सहित तमाम विषय शामिल हैं। दुनिया के दिग्गज नेता इन मुद्दों पर विचार-विमर्श और गहन चर्चा कर समिट के एजेंडे को अंतिम रूप देंगे। जाहिर है कि इन सभी मुद्दों पर भारत भी अपनी राय और विचार रखेगा। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत के बढ़े हुए कद और प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता को देखते हुए उनकी बातों को बैठक में गंभीरता से सुना जाना तय है। भारत जो बात कहेगा उसे हल्के में नहीं लिया जाएगा।

वैश्विक मंच पर भारत का बढ़ा दबदबा

लोकसभा चुनाव में भाजपा और एनडीए की जीत के बाद नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। अपने पिछले दो कार्यकाल में उन्होंने अपने नेतृत्व से देश का चहुंमुखी विकास किया है। अर्थव्यवस्था से लेकर रक्षा क्षेत्र में भारत ने बड़ी छलांग लगाई है। पीएम अपने तीसरे कार्यकाल में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। बीते 10 वर्षों में भारत की कूटनीति और विदेश नीति ने एक अलग छाप छोड़ी है। भारत का रुतबा बढ़ा है। अब किसी मसले पर भारत की राय मायने रखती है। यूक्रेन और गाजा युद्ध को लेकर भारत ने जो रणनीति अपनाई, उसकी सराहना हुई है। जाहिर है कि चुनाव में तीसरी बार जीत दर्ज करने के बाद जहां पीएम मोदी का आत्मविश्वास बढ़ा है तो वहीं, दुनिया के ताकतवर देशों के नुमाइंदे उन्हें और सम्मानभरी नजरों से देखेंगे।

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