भारत-पाक संबंध: पाकिस्तान पीएम शहबाज शरीफ की इच्छा पर अमेरिका ने कही ये बात
India-Pak Relations: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भारत के साथ संबंध बेहतर करने के लिए लालायित हैं। इस पर अमेरिका ने कहा कि हम गंभीर मुद्दों पर दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करते हैं।
भारत-पाकिस्तान संबंधों पर अमेरिका ने भी दी अपनी प्रतिक्रिया
India-Pak Relations: संयुक्त राज्य अमेरिका ने कहा कि वह गंभीर के मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करता है। विदेश विभाग की नियमित प्रेस वार्ता के दौरान एक सवाल के जवाब में आधिकारिक प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि जैसा कि हमने लंबे समय से कहा है हम चिंता के मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करते हैं। लंबे समय से हमारी स्थिति यही रही है। यह प्रतिक्रिया पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के भारत के साथ बातचीत की इच्छा के संबंध हालिया बयान पर सवाल उठाए जाने के बाद आई। सोमवार को इस्लामाबाद में खनिज शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण के लिए पड़ोसी से बातचीत के लिए तैयार हैं। 1947 में अपनी आजादी के बाद से दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के इतिहास के बावजूद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मूल्यवान जुड़ाव को बढ़ावा देना चाहते हैं। हमारे पड़ोसियों के साथ हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि पड़ोसी बात करने के लिए गंभीर हो। गंभीर मामलों पर टेबल पर बातचीत हो क्योंकि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है।
पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र है। हमलावर के रूप में नहीं बल्कि हमारे रक्षा उद्देश्यों के लिए। पिछले 75 वर्षों में हमने तीन युद्ध लड़े। और उसका परिणाम यह हुआ कि गरीबी और बेरोजगारी बढ़ी। वित्त, शिक्षा, स्वास्थ्य और लोगों की भलाई के लिए संसाधनों की कमी उत्पन्न हुआ। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस रास्ते को अपनाने का तरीका ठीक नहीं है बल्कि आर्थिक प्रतिस्पर्धा के माध्यम से लड़ने का तरीका है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई परमाणु युद्ध हुआ तो क्या कोई यह बताने के लिए जीवित रहेगा क्या हुआ? इसलिए युद्ध कोई विकल्प नहीं है। पीएम शरीफ ने कहा और कहा कि मैं जानता हूं कि दोनों देश तब तक सामान्य पड़ोसी नहीं बन सकते जब तक असामान्यताओं को दूर नहीं किया जाता और जब तक गंभीर मुद्दों को शांतिपूर्ण और सार्थक चर्चाओं के माध्यम से समझा और संबोधित किया जाता है।
भारत और पाकिस्तान के गठन के बाद से भारत और पाकिस्तान के संबंध कभी भी सामान्य नहीं रहे हैं। भारत ने सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन पर बार-बार अपनी चिंता जताई है और कहा है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। अगस्त 2019 में भारत सरकार के फैसले के बाद जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को समाप्त कर दिया गया और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों (जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया गया।), तब इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद में भारत के राजदूत को निष्कासित कर दिया और द्विपक्षीय व्यापार रोक दिया।
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