पुलिस हिरासत में मारी गई महसा अमीनी के परिवार पर ईरान ने लगाया बैन, मानवाधिकार पुरस्कार लेने से रोका
Mahsa Amini: खबरों में कहा गया कि केवल अमीनी के परिवार के वकील सालेह निकबख्त को उनकी तरफ से पुरस्कार लेने के लिए जाने की अनुमति दी गयी है। महसा अमीनी की 2022 में पुलिस हिरासत के दौरान मौत हो गयी थी जिसके बाद देशभर में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे।
महसा अमीनी के परिवार पर लगाया गया बैन
Mahsa Amini: ईरान में पिछले साल पुलिस हिरासत में मारी गई महसा अमीनी मामले में अब भी कुछ छिपाया जा रहा है। अब जानकारी सामने आई है कि महसा अमीनी के परिवार को विदेश की यात्रा करने पर बैन लगा दिया गया है। ईरान के अधिकारियों ने महसा अमीनी के परिवार को उनकी ओर से यूरोपीय संघ का शीर्ष मानवीय पुरस्कार हासिल करने के लिए फ्रांस की यात्रा करने से रोक दिया है। यूरोपीय संघ संसद की वेबसाइट के अनुसार, यह यूरोपीय संघ द्वारा मानवाधिकार कार्य के लिए दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।संबंधित खबरें
बता दें, महसा अमीनी की 2022 में पुलिस हिरासत के दौरान मौत हो गयी थी जिसके बाद देशभर में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे।अमेरिका स्थित ह्यूमैन राइट्स एक्टिविट्स न्यूज एजेंसी (एचआरएएनए) ने शनिवार देर रात कहा कि प्राधिकारियों ने अमीनी के पिता अमजद और उनके दो भाइयों को सखारोव प्राइज फॉर फ्रीडम ऑफ थॉट पुरस्कार लेने के लिए फ्रांस के स्ट्रासबर्ग शहर जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।संबंधित खबरें
अमीनी के वकील को पुरस्कार ग्रहण करने की इजाजत
खबरों में कहा गया कि केवल अमीनी के परिवार के वकील सालेह निकबख्त को उनकी तरफ से पुरस्कार लेने के लिए जाने की अनुमति दी गयी है। सोवियत संघ से बगावत करने वाले और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित आंद्रे सखारोव के नाम पर रखे यूरोपीय संघ के इस पुरस्कार की स्थापना 1988 में मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा करने वाले लोगों या समूहों को सम्मानित करने के लिए की गयी थी। मीडिया रिपोर्ट्स में सामने आया है कि अमीनी के परिवार के पासपोर्ट ईरान सरकार द्वारा जब्त कर लिए गए हैं। संबंधित खबरें
बुर्का न पहनने पर गिरफ्तार हुई थी महसा अमीनी
कुर्दिश-ईरानी महिला अमीनी (22) को बुर्का पहनने के नियम का कथित तौर पर उल्लंघन करने के लिए ईरान की नैतिकता पुलिस ने गिरफ्तार किया था और हिरासत में रहने के दौरान उसकी मौत हो गयी थी जिसके बाद व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे। अमीनी की मौत से गुस्साई ईरानी महिलाओं ने प्रदर्शनों में अहम भूमिका निभायी थी और उनमें से कुछ महिलाओं ने अपने बुर्के उतार दिए थे। ईरान में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के अनुसार, इसके बाद प्रदर्शनकारियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई में 500 से अधिक लोगों की मौत हो गयी और करीब 20,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया।संबंधित खबरें
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | दुनिया (world News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना च...और देखें
End Of Feed
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited