India-Canada विवाद है सियासी हथकंडा? समझें- दोनों मुल्कों को इससे कैसे होगा नुकसान

India-Canada Tension Row: प्रमुख विशेषज्ञ के मुताबिक, ओटावा को व्यापार के मामले में क्षति होगी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में नेटवर्क का हिस्सा बनने की उसकी क्षमता भी प्रभावित होगी। साथ ही भारत की लोकतांत्रिक देश और कानून का शासन होने की छवि को भी झटका लग सकता है।

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

India-Canada Tension Row: भारत और कनाडा में पनपे राजनयिक विवाद के बीच कश्मीर के सिख संगठन ऑल पार्टीज सिख कोर्डिनेशन कमेटी (एपीएससीसी) ने कहा है कि दोनों मुल्कों से जुड़ा यह विवाद सरकार का वोट हासिल करने का ‘राजनीतिक हथकंडा’ है। यह समुदाय भारत का अभिन्न हिस्सा है। संगठन के अध्यक्ष जगमोहन सिंह रैना ने शनिवार (23 सितंबर, 2023) को श्रीनगर में मीडिया से कहा, ‘‘हर चीज का सियासी लाभ लिया जाता है। सिख इस देश का अभिन्न हिस्सा हैं। जब से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सत्ता में आया है तब से उसका एकमात्र एजेंडा यह रहा है कि वे ‘घर वापसी’ की चर्चा करेंगे...चाहे वे मुसलमान हों, सिख हों या कोई अन्य हो। हम इसे बर्दाश्त नहीं करने जा रहे हैं।’’

वहीं, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो की ‘‘लापरवाही भरी कार्रवाइयों’’ की आलोचना करते हुए पूर्व भारतीय राजनयिक विकास स्वरूप ने ओटावा से विवाद को कम करने और सच्चाई को सामने लाने के लिए कदम उठाने को कहा। उन्होंने कनाडाई सरकार को यह भी याद दिलाया कि ‘‘दोषी साबित होने तक हर कोई निर्दोष है और कानून को अपना काम करने दें।’’ इस बीच, व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका कनाडा के इन आरोपों पर कि कनाडा की धरती पर सिख अलगाववादी की हत्या में नयी दिल्ली संभावित तौर पर शामिल थी, भारत के साथ संपर्क में है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका कनाडाई सरकार के साथ भी नियमित संपर्क में है।

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