पाकिस्तान में हिंदू समाज को बड़ा तोहफा, इस उम्र की शादियां होंगी वैध, पूरी जानकारी

Hindu Marriages in Pakistan: पाकिस्तान के कुछ इलाकों में अत्याचार की वजह से राजधानी इस्लामाबाद के करीब हिंदू समाज की आबादी बढ़ी है। करीब पांच साल पहले शादी के संबंध में कुछ नियम पारित किए गए थे। अब उन्हें एक बार फिर से पारित किया गया है।

इस्लामाबाद स्थानीय प्रशान ने शादी के लिए बनाए नियम(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Hindu Marriages in Pakistan: पाकिस्तान में हिंदू समाज की दशा किसी से छिपी नहीं है। हिंदू समाज की लड़कियों के साथ छेड़छाड़, जबरन शादी और धर्मांतरण की भी खबरें आती रहती हैं। इन सबके बीच इस्लामाबाद स्थानीय प्रशासन ने खास फैसला किया है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद प्रशासन ने हिंदू विवाह अधिनियम 2017 के नियमों को अधिसूचित किया है जिससे अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य अपने रीति-रिवाजों के अनुसार शादी कर सकते हैं। कानून को लागू करना पाकिस्तान में हिंदू समुदाय और अधिकार समूहों की प्रमुख मांग रही है।इस्लामाबाद कैपिटल टेरिटरी हिंदू मैरिज रूल्स 2023 (‘Islamabad Capital Territory Hindu Marriage Rules 2023’)' अधिसूचना कानून वर्तमान में इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र में राजधानी के पास शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में लागू है और पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में समान विवाह कानूनों के कार्यान्वयन को भी आगे बढ़ाए जाने में मदद मिल सकती है।

अभी तक सिंध प्रांत में नियम था लागू

इस नियम को लागू करने के लिए संघीय क्षेत्र की सभी संघ परिषदों को भेज दिया गया है। इस्लामाबाद प्रशासन के फैसले के मुताबित हिंदू परिवार के लोग अपने रीति रिवाजों के मुताबिक शादी कर सकते हैं। बता दें कि सुरक्षा वजहों से सिंध, बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा से पलायन की वजह से इस्लामाबाद में पिछले एक दशक में हिंदू समुदाय की आबादी में वृद्धि देखी गई है। पाकिस्तान में केवल सिंध प्रांत जिसमें एक महत्वपूर्ण हिंदू आबादी है, उसने ने 18 वर्ष से अधिक उम्र के हिंदू पुरुषों और महिलाओं को अपने विवाह को पंजीकृत करने के लिए कानून बनाया था।

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