​'आतंकवादी हैं अल जजीरा के 6 पत्रकार', मीडिया हाउस पर इजरायल का गंभीर आरोप

Al Jazeera : मध्य पूर्व के प्रमुख मीडिया हाउस अल जजीरा पर इजरायल ने गंभीर आरोप लगाया है। इजरायली सेना का दावा है कि अल जजीरा के छह पत्रकार जो गाजा में मौजूद हैं वे फलिस्तीनी आतंकवादी हैं और इनका संबंध हमास और चरमपंथी जिहादी आतंकी गुटों से है।

खाड़ी क्षेत्र का प्रमुख मीडिया हाउस है अल जजीरा।

Al Jazeera : मध्य पूर्व के प्रमुख मीडिया हाउस अल जजीरा पर इजरायल ने गंभीर आरोप लगाया है। इजरायली सेना का दावा है कि अल जजीरा के छह पत्रकार जो गाजा में मौजूद हैं वे फलिस्तीनी आतंकवादी हैं और इनका संबंध हमास और चरमपंथी जिहादी आतंकी गुटों से है। हालांकि, इजरायली सेना के इस आरोप को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया है। अल जजीरा का मुख्यालय कतर की राजधानी दोहा में है। खाड़ी क्षेत्र का यह प्रमुख मीडिया समूह है।

इजरायल का दावा-गाजा से मिले दस्तावेज पुष्टि करते हैं

रिपोर्टों के मुताबिक इजरायल की सेना इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा है कि गाजा से उसे जो खुफिया जानकारी और तरह-तरह के दस्तावेज मिले हैं उससे अल जजीरा के छह पत्रकारों का आतंकी गुट से संबंध होने की पुष्टि होती है। ये पत्रकार हमार और इस्लामी जिहाद आतंकी संगठनों से जुड़े हुए हैं। इनके पास से मिले दस्तावेजों में आतंकवादियों के प्रशिक्षण के कोर्स, फोन डाइरेक्ट्री और आतंकियों के सैलरी के ब्योरे हैं। आईडीएफ ने बुधवार को अपने एक ट्वीट में कहा कि ये दस्तावेज बताने के लिए काफी हैं हमास के आतंकवादियों की पहुंच कतर के इस मीडिया हाउस तक है। आईडीएफ का कहना है कि जिन पत्रकारों को उसने बेनकाब किया है उनमें से ज्यादातर ने अल जजीरा में बैठकर हमास के लिए प्रोपगैंडा फैलाया है।

'पत्रकारों की आवाज दबाना चाहता है इजरायल'

आईडीएफ के मुताबिक अल जजीरा के पत्रकार अनस अल शरीफ, होसाम शबत, इस्माइल अबु उमर और तलात अरूकी के संबंध हमास से है। जबकि अशरफ सराज और अला सलामेह इस्लामी जिहाद से जुड़े हुए हैं। वहीं, इजरायल के इस आरोप को अल जजीरा ने बेबुनियाद बताते हुए इसकी निंदा की है। मीडिया हाउस ने कहा है कि वह इजरायल के इस आरोप को पूरी तरह से खारिज करता है। साथ ही पत्रकारों को आतंकवादी बताए जाने की वह निंदा भी करता है। अल जजीरा ने इजरायल पर तथ्यों को तोर-मरोड़ कर पेश करने का आरोप लगाया है। मीडिया हाउस ने दावा किया है कि इजरायल संघर्ष क्षेत्र में मौजूद गिने-चुने पत्रकारों की आवाज दबाना चाहता है। इजरायल चाहता है कि गाजा की वास्तविकताएं दुनिया तक नहीं पहुंचें।

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