नसरल्लाह कहां छिपा है, इजरायल महीनों से जानता था, ऑपरेशन में अमेरिका को भी नहीं लगने दी भनक

Israel Operation in Beirut: हिजबुल्ला को शुरुआत से पता था कि वह मोसाद के निशाने पर है। इसलिए उसकी लोकेशन ट्रेस न होने पाए और मोसाद के रडार से बचने के लिए वह लगातार अपना ठिकाना बदलता रहता था लेकिन इस बार वह इजरायल की खुफिया एजेंसी को चकमा नहीं दे पाया।

शुक्रवार रात मारा गया हसन नसरल्लाह।

मुख्य बातें
  • शुक्रवार रात इजरायल के हवाई हमलों में मारा गया हिजबुल्ला का चीफ नसरल्लाह
  • वह दक्षिणी बेरूत के दाहियेह में एक इमारत के नीचे बने अपने मुख्यालय में छिपा था
  • इस हमले में नसरल्लाह सहित हिजबुल्ला के टॉप कमांडर भी मारे गए
Israel Operation in Beirut: शुक्रवार की रात इजरायल की बमबारी में हिजबुल्ला का प्रमुख हसन नसरल्लाह मारा गया। वह बेरूत के दाहियेह स्थित अपने मुख्यालय में छिपा हुआ था। यह मुख्यालय एक आवासीय बहुमंजिला इमारत के नीचे बना हुआ था। बताया जा रहा है कि इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) के लड़ाकू जहाजों ने इस ठिकाने पर करीब 80 टन बम बरसाए। इस बमबारी में नसरल्लाह और उसके भरोसेमंद और हिजबुल्ला के अन्य टॉप कमांडर मारे गए। नसरल्लाह और टॉप कमांडरों के मारे जाने से हिजबुल्ला को बहुत बड़ा झटका लगा है। इससे हिजबुल्ला के लाइन ऑफ कमांड में एक खालीपन आ गया है। हिजबु्ल्ला के ठिकानों पर इजरायल का हमला जारी है।

अपने ठिकाने बदलता रहता था हिजबुल्ला

हिजबुल्ला को शुरुआत से पता था कि वह मोसाद के निशाने पर है। उसकी लोकेशन ट्रेस न होने पाए और मोसाद के रडार से बचने के लिए वह लगातार अपना ठिकाना बदलता रहता था लेकिन इस बार वह इजरायल की खुफिया एजेंसी को चकमा नहीं दे पाया। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में इजरायल के तीन वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि उन्हें कई महीने पहले से नसरल्लाह के छिपने और उसकी लोकेशन के बारे में पता था।

संघर्ष खत्म करने के लिए अमेरिका से चल रही था बातचीत

इजरायल की एक रिपोर्ट के मुताबिक नसरल्लाह को खत्म करने का फैसला हाल के दिनों में लिया गया। इसकी जानकारी अमेरिका को भी नहीं दी गई। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नसरल्लाह को मारने के लिए ऑपरेशन की तैयारी उस वक्त चल रही थी जब हिजबुल्ला के साथ संघर्ष खत्म करने के लिए इजरायली अधिकारी अमेरिका के साथ बातचीत कर रहे थे। यहां तक कि गुरुवार सुबह प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू जब संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के लिए रवाना हुए तभी भी योजना पर काम चल रहा था। दो अधिकारियों ने बताया कि हमले में इमारत के ऊपर 80 से ज्यादा बम गिराए गए। इन हमलों में दक्षिणी बेरूत में छह इमारतें पूरी तरह से जमीदोंज हो गईं।
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