हमले का बदला ऐसे ले सकता है इजरायल, ईरान को नहीं इन्हें बनाएगा निशाना?
Israel-Iran Crisis: रविवार सुबह इजरायल का आसमान 7 अक्टूबर जैसा ही था। हमास की तरफ से दागे गए ड्रोन और मिसाइल ने उसकी सुरक्षा दीवार को भेद दिया। गनीमत रही कि पिछली बार की तरह आयरन डोम ने दगा नहीं दी।
ईरान-इजरायल में तनाव।
मुख्य बातें
- गत रविवार तड़के इजरायल पर ड्रोन, मिसाइल की हुई बौछार
- ईरान ने इसे बदले की कार्रवाई बताया, इजरायल को नुकसान नहीं
- 99 फीसदी मिसाइलों को अमेरिकी मदद से इजरायल ने हवा में मार गिराया
Israel-Iran Crisis: इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) के प्रवक्ता ने साफ कहा है कि ईरान ये न समझें कि उसे हमले की कीमत नहीं चुकानी पड़ेगी। वह अपने चुने हुए समय और स्थान पर हिसाब चुकता करेगा। इतिहास गवाह है इजरायल जब कोई चेतावनी देता है तो उसे निभाता भी है। दुश्मन छोटा हो या बड़ा, करीब हो या हजारों किलोमीटर दूर। इजरायल ने अगर ठान लिया तो दु्श्मन देर-सबेर अपने अंजाम तक पहुंचता ही है।
रविवार सुबह ईरान ने मिसाइलों से किया हमला
रविवार सुबह इजरायल का आसमान 7 अक्टूबर जैसा ही था। हमास की तरफ से दागे गए ड्रोन और मिसाइल ने उसकी सुरक्षा दीवार को भेद दिया। गनीमत रही कि पिछली बार की तरह आयरन डोम ने दगा नहीं दी। इस बार उसने काम किया। इस बार ईरान की ओर से दागे गए 99 फीसद ड्रोन और मिसाइलों को हवा में ही निष्क्रिय कर दिया गया। यह अलग बात है कि इस हमले को नाकाम करने में अमेरिका ने इजरायल की मदद तो की ही मुस्लिम देश जॉर्डन, मिस्र ने भी उसका बचाव किया।
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करीब 300 ड्रोन-मिसाइल से हमला
इजरायल को निशाना बनाते हुए ईरान की तरफ से 170 ड्रोन, 30 क्रूज मिसाइल और 120 बैलिस्टिक मिसाइल दागी गईं।
अगर ये सभी मिसाइलें और ड्रोन इजरायल में गिर जाते तो 7 अक्टूबर से ज्यादा तबाही होती। दरअसल 1 अप्रैल को इजरायल ने सीरिया में ईरान के दूतावास को निशाना बनाया। इस दूतावास में उसके कई सैन्य सीनियर अफसर मौजूद थे जो मारे गए। इसका बदला ईरान को लेना था उसने मिसाइलें तो दाग दीं। उसे भी पता है कि इसकी जवाबी कार्रवाई इजरायल की तरफ से होगी। जानकार मानते हैं कि इजरायल को कम नुकसान पहुंचे या उसे एक संदेश देने के लिए उसने कमजोर हमले किए। वह अगर चाहता तो ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता था।
सीधे ईरान पर हमला नहीं करेगा इजरायल!
रिपोर्टों में यह बात कही जा रही है कि इजरायल पर बड़ी कार्रवाई न करने का अंतरराष्ट्रीय खासकर अमेरिका का दबाव है लेकिन इजरायल के तेवर नरम नहीं पड़े हैं। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट मानें तो इजरायल सीधे ईरान पर हमला नहीं करेगा। रिपोर्टों में आईडीएफ के अधिकारियों से बातचीत के बाद कहा गया है कि इजरायल, सीरिया में ईरान के हितों और लेबनान में हेजबुल्लाह को निशाना बना सकता है। हालांकि, ईरान ने साफ चेतावनी दी है कि मध्य पूर्व या कहीं पर भी इजरायल ने यदि उसके हितों को नुकसान पहुंचाया तो उसे भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। जाहिर है कि इजरायल का हमला मध्य पूर्व में नए सिरे से युद्ध को दावत देगा।
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किसी आक्रामक कार्रवाई में भाग नहीं लेगा अमेरिका
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ईरान पर इजरायल का सीधा हमला एक बड़े युद्ध का आधार तैयार कर देगा और पूरा मध्य पूर्व इसकी चपटे में आ सकता है। अमेरिका सहित इजरायल के यूरोपीय मित्र देश ऐसा नहीं चाहेंगे। इसे देखते हुए इजरायल रविवार को अपने ऊपर हमले का बदला ईरान के सहयोगी मिलिशिया एवं चरमपंथी संगठनों को निशाना बनाकर ले सकता है। इजरायल की आक्रामकता को देखते हुए अमेरिका ने उससे इस बारे में लिए जाने वाले फैसले से उसे अवगत कराने के लिए कहा है। अमेरिका ने कहा है कि वह किसी आक्रामक जवाबी कार्रवाई में शामिल होने का इच्छुक नहीं है।
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आलोक कुमार राव author
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने...और देखें
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