इजराइल के साथ कौन-कौन से मुस्लिम देश? हमास को किसका समर्थन; जानिए गाजा वॉर में कैसे बंटी इस्लामिक दुनिया
Israel Palestine war: हमास के हमले के बाद जहां इजराइल को पश्चिमी देशों का साथ मिला है तो ज्यादातर इस्लामिक देशों ने हमास और फिलिस्तीन का समर्थन किया है। संयुक्त अरब अमीरात मध्य-पूर्व का ऐसा पहला बड़ा देश है, जो खुलकर इजराइल के समर्थन में आया है और उसने इस जंग के लिए आतंकवादी संगठन हमास को जिम्मेदार ठहराया है।
इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष
Israel Palestine war: रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनिया दो धड़ों में बंटी दिखाई दे रही थी। एक तरफ पश्चिमी देश थे, जिन्होंने खुलकर यूक्रेन का समर्थन किया और दूसरी तरफ वे देश, जिन्होंने रूस साथ दिया। इस जंग के बाद इजराइल में छिड़ी जंग दूसरा मौका है, जब दुनिया एक बार फिर दो गुटों में बंट गई है। हमास के हमले के बाद जहां इजराइल को पश्चिमी देशों का साथ मिला है तो ज्यादातर इस्लामिक देशों ने हमास और फिलिस्तीन का समर्थन किया है।
हालांकि, कुछ मुस्लिम देश ऐसे भी हैं, जिन्होंने इजराइल को लेकर अपना रुख नरम रखा है और उन्होंने शांति की अपील की है। संयुक्त अरब अमीरात मध्य-पूर्व का ऐसा पहला बड़ा देश है, जो खुलकर इजराइल के समर्थन में आया है और उसने इस जंग के लिए आतंकवादी संगठन हमास को जिम्मेदार ठहराया है। यूएई ने अपने बयान में कहा है कि फिलिस्तीनी संगठन हमास के इजरायली शहरों पर हमला बेहद गंभीर और तनाव से भरा हुआ है। मंत्रालय ने कहा, हमास के लोगों ने हजारों रॉकेट बरसाए और भारी गोलीबारी की।
ईरान फिलिस्तीन के साथ
हमास के हमले के बाद इजराइल ने युद्ध का ऐलान कर दिया है। इजराइल के सशस्त्र बल एक के बाद एक हमले कर हमास के ठिकानों को निशाना बना रहे हैं। इसके बाद ईरान का बयान आया है। ईरान ने कहा है कि यह हमला फिलिस्तीनियों की तरफ से आत्मरक्षा के लिए उठाया गया कदम है। ईरान के विदेश मंत्रालय ने मुस्लिम देशों से अपील की है कि वे इस युद्ध में फिलिस्तीन का समर्थन करें।
सऊदी अरब और कतर भी हमास के साथ
सऊदी अरब ने खुलकर फिलिस्तीन का समर्थन किया है। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है कि सऊदी अरब बार-बार चेतावनी देता रहा कि इजराइल अगर कब्जा जारी रखेगा और फलिस्तीनियों को उनके अधिकारियों से वंचित करेगा तो वे हिंसा करेंगे। वहीं कतर ने इस लड़ाई के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया है। कतर के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मौजूदा तनाव के लिए केवल इजराइल जिम्मेदार है, क्योंकि वो फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का दमन करता रहा है। इजरायली सुरक्षा बल लगातार अल-अक्सा मस्जिद पर छापेमारी करते रहे हैं।
मलेशिया और अफगानिस्तान ने भी किया हमास का समर्थन
अफगानिस्तान ने इस युद्ध में फिलिस्तीन का समर्थन किया है। अफगान के विदेश मंत्री ने अपने समकक्ष को फोन कर समर्थन जताया है। वहीं मलेशिया ने भी फिलिस्तीनियों के प्रति समर्थन जताया है । मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने कहा कि इजरायली लगातार फिलिस्तीन के लोगों की जमीन पर संपत्ति पर कब्जा कर रहे हैं। इस अन्याय की वज ह से सैकड़ों निर्दोषों की जान चली गई।
इन इस्लामिक देशों ने बरती नरम
संयुक्त अबर अमीरात के अलावा इंडोनेशिया, बांग्लादेश, तुर्की, बांग्लादेश, पाकिस्तान ने इजराइल को लेकर नरमी बरती है। इंडोनेशिय ने जहां हिंसा को तम्काल खत्म करने का आह्वान किया है तो वहीं बांग्लादेश, पाकिस्तान तुर्की जैसे इस्लामिक देशों ने दोनों पक्षों को मानवीय सुरक्षा के लिए संयम बरतने की वकालत की है।
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