गाजा पट्टी के अल-शिफा अस्पताल में इजरायल का ऑपरेशन, हमास बोला-रेड के लिए अमेरिका जिम्मेदार, देखें तस्वीरें
Israel Hamas War: अल-शिफा अस्पताल पर इजरायल की कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय स्तर आलोचना हो रही है। जंग की शुरुआत से ही इजरायल के साथ खड़े अमेरिका ने कहा है कि वह अस्पताल में हवाई हमलों का समर्थन नहीं करता। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका नहीं चाहता कि अस्पताल के अंदर खून-खराबा हो।
आईडीएफ का कहना है कि वह गाजा सिटी के अस्पताल में दाखिल हुई है।
Israel Hamas War: इजरायली सेना आईडीएफ ने कहा है कि वह गाजा सिटी के सबसे बड़े अल शिफा अस्पताल में दाखिल हुई है और वहां पर तलाशी अभियान चला रही है। आईडीएफ का आरोप है कि हमास ने इस अस्पताल के नीचे अपना कमांड सेंटर बनाया है। अस्पताल के नीचे बने तहखाने का इस्तेमाल वह अपने सैन्य अभियान एवं बंधकों को छिपाकर रखने के लिए करता था। रिपोर्टों के मुताबिक आईडीएफ की यह रेड अस्पताल में सैकड़ों मरीजों एवं मेडिकल कर्मियों की मौजूदगी में हुई। खास बात यह है कि इस अस्पताल में मरीजों का इलाज तो हो ही रहा है, बड़ी संख्या में विस्थापित हुए लोग भी यहां शरण लिए हुए हैं।
अमेरिका ने कहा-अस्पताल पर हवाई हमले का समर्थन नहीं करते
Israel Hamas War
अस्पताल पर इजरायल की कार्रवाई की अंतरराष्ट्रीय स्तर आलोचना हो रही है। जंग की शुरुआत से ही इजरायल के साथ खड़े अमेरिका ने भी कहा है कि वह अस्पताल में हवाई हमलों का समर्थन नहीं करता। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका नहीं चाहता कि अस्पताल के अंदर खून-खराबा हो।
हमास का दावा-अस्पताल पर रेड के लिए अमेरिका जिम्मेदार
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रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक हमास ने बुधवार को कहा कि अल शिफा अस्पताल पर रेड और हमले के लिए वह इजरायल एवं अमेरिका को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराता है। हमास का दावा है कि अस्पताल पर कार्रवाई के लिए इजरायल को अमेरिका से 'हरी झंडी' मिली।
नेतन्याहू के खिलाफ इजरायल में प्रदर्शन, लोगों ने इस्तीफा मांगाइजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ गया है। मंगलवार रात संसद के बाहर सैकड़ों की संख्या में इजरायली नागरिकों ने प्रदर्शन किया और नेतन्याहू के इस्तीफे की मांग की। लोगों ने कहा कि पीएम पद के लिए वह फिट नहीं हैं।
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240 लोगों को इजरायल से बंधक बना कर गाजा ले गए
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गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक 11,000 से अधिक फलस्तीनी नागरिक मारे गए, जिसमें दो-तिहाई महिलाएं और नाबालिग शामिल हैं, जबकि 2,700 लोगों का कोई पता नहीं है। इजरायल में अब तक 1,200 से अधिक लोगों की मौत हुई है, जिनमें से अधिकतर लोग हमास के हमले में मारे गए हैं। फलस्तीनी चरमपंथी करीब 240 लोगों को इजरायल से बंधक बना कर गाजा ले गए हैं।
ईरान से गाजा में धन भेजने वालों पर अमेरिका ने लगाए प्रतिबंध
अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि उसने हमास के अधिकारियों के एक समूह, फलस्तीनी इस्लामिक जिहाद के सदस्यों पर तीसरे दौर के प्रतिबंध लगाए हैं जो ईरान से गाजा में धन भेजने का काम करते हैं। अमेरिका ने एक लेबनानी मुद्रा विनिमय सेवा पर भी रोक लगा दी है। अमेरिका के वित्त विभाग की ओर से ये पाबंदियां ब्रिटेन के साथ समन्वय से लगाई गई हैं। हमास द्वारा सात अक्टूबर को इजराइल पर किए गए अचानक हमले के जवाब में यह कदम उठाया गया है।
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जंग शुरू होने के बाद 15 लाख फलस्तीनी अपना घर छोड़ चुके हैं
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा दक्षिण में संचालित आश्रय गृहों में लोगों की बहुत अधिक भीड़ है। आश्रय गृहों में लोगों की भीड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि औसतन 160 लोगों के इस्तेमाल के लिए केवल एक शौचालय है। कुल मिलाकर करीब 15 लाख फलस्तीनी अपना घर छोड़ चुके हैं और यह संख्या गाजा की कुल आबादी की करीब दो तिहाई है। लोगों को रोटी और पानी के लिए घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ता है। कूड़ा-कचरा जमा हो रहा है और नालों का पानी सड़कों पर बह रहा है। नल से पानी की आपूर्ति नहीं हो रही है क्योंकि पानी की आपूर्ति करने वाले पंप और शोधन संयंत्रों के लिए बिजली या अन्य ईंधन उपलब्ध नहीं है।
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आलोक कुमार राव author
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने...और देखें
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