G-7 के पहले सत्र में मेलोनी ने PM मोदी के एजेंडे को आगे बढ़ाया, आपुलिया में समिट कराने की वजह भी बताई

Italian PM Meloni : खास बात यह है कि समारोह के पहले दिन यानी उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मेलोनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे को आगे बढ़ाया। उन्होंने ग्लोबल साउथ पर बात की। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के चलते ही ग्लोबल साउथ को जी-20 का सदस्य बनाने पर सहमति बनी।

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जी-7 का इस बार मेजबानी इटली कर रहा है।

Italian PM Meloni : दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाओं के वार्षिक सम्मेलन G-7 की शुरुआत गुरुवार को इटली के आपुलिया में हुई। 13 से 15 जून तक तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन के लिए इसके सदस्य देश के राष्ट्राध्यक्ष यहां पहुंचे। मेहमानों के आयोजन स्थल पहुंचने पर इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। खास बात यह है कि समारोह के पहले दिन यानी उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मेलोनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एजेंडे को आगे बढ़ाया। उन्होंने ग्लोबल साउथ पर बात की। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों के चलते ही ग्लोबल साउथ को जी-20 का सदस्य बनाने पर सहमति बनी।

अपने 50 साल पूरे करने जा रहा G-7

इटली की पीएम ने जिक्र करते हुए कहा कि जी-7 अपने गठन के 50 साल पूरे करने जा रहा है। इन विगत दशकों में वैश्विक समस्याओं का हल निकालने में इस समूह ने बड़ी भूमिका निभाई है। खासकर स्वतंत्रता और लोकतंत्र को चुनौती देने वाली ताकतों से निपटा गया है।

समिट के लिए आपुलिया को चुनने की वजह बताई

मेलोनी ने कहा, 'इटली ने इस समिट का आयोजन कराने के लिए आपुलिया इलाके को चुना। यह कोई संयोग नहीं बल्कि इसकी भी एक वजह है। मेजबानी स्थल के रूप में इसका चुनाव हमने इसलिए किया क्योंकि यह इलाका इटली के दक्षिण में पड़ता है। समारोह के मेजबान के रूप में हम एक संदेश देना चाहते थे। हमारी इच्छा ग्लोबल साउथ के देशों के साथ अपना संवाद मजबूत बनाने की है।'

पूर्व को पश्चिम से जोड़ता है आपुलिया

उन्होंने आगे कहा कि समिट का आयोजन इस जगह पर कराने की एक वजह यह भी है कि यह स्थान पूर्व और पश्चिम को जोड़ने में एक पुल का काम करता है। मेलोनी ने कहा कि भूमध्यसागर का यह स्थान संवाद की भूमि है। मध्य सागर एक तरफ बड़े समुद्रों जैसे कि अटलांटिक तो दूसरी तरफ हिंद और प्रशांत महासागर को जोड़ता है।

सम्मेलन में कई मुद्दों पर होगी चर्चा

इस बार जी-7 की यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब दुनिया दो युद्धों का सामना कर रही है। गाजा और रूस-यूक्रेन युद्ध का असर पूरे विश्व पर हो रहा है। इस बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा होने और समाधान का विकल्प तलाशने पर विचार-विमर्श होगा। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन, विस्थापन सहित अन्य ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होगी। इस समिट से इतर पीएम मोदी की सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ बैठकें भी होनी हैं।
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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