ट्रूडो ने माना, निज्जर मामले में भारत के खिलाफ नहीं थे ठोस सबूत, मिली थी सिर्फ खुफिया जानकारी

ट्रूडो ने कहा, मुझे इस तथ्य के बारे में जानकारी दी गई कि कनाडा और संभवतः ‘फाइव आईज’ सहयोगियों से खुफिया जानकारी मिली है, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि भारत इसमें शामिल था...

जस्टिन ट्रूडो

मुख्य बातें
  • कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हरदीप सिंह निज्जर मामले में दी गवाही
  • कहा- निज्जर की हत्या में केवल खुफिया जानकारी थी और कोई ठोस सबूत नहीं
  • ‘फाइव आईज’ सहयोगियों से खुफिया जानकारी मिली
Justin Trudeau: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने स्वीकार किया कि जब उन्होंने पिछले साल खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया था, तब उनके पास केवल खुफिया जानकारी थी और कोई ठोस सबूत नहीं था। संघीय चुनावी प्रक्रियाओं और लोकतांत्रिक संस्थाओं में विदेशी हस्तक्षेप की सार्वजनिक जांच के सिलसिले में ट्रूडो ने गवाही देते समय यह बात कही। ट्रूडो ने इस दौरान दावा किया कि भारतीय राजनयिक कनाडा के उन लोगों के बारे में जानकारी एकत्र कर रहे थे जो नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार से असहमत हैं, और इसे भारत सरकार के उच्चतम स्तर तक और लॉरेंस बिश्नोई गिरोह जैसे आपराधिक संगठनों तक पहुंचा रहे थे।

‘फाइव आईज’ सहयोगियों से खुफिया जानकारी मिली

ट्रूडो ने कहा, मुझे इस तथ्य के बारे में जानकारी दी गई कि कनाडा और संभवतः ‘फाइव आईज’ सहयोगियों से खुफिया जानकारी मिली है, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि भारत इसमें शामिल था...भारत सरकार के एजेंट कनाडा की धरती पर कनाडा के नागरिक की हत्या में शामिल थे। कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ऐसी चीज है जिसे उनकी सरकार ने बेहद गंभीरता से लिया। 'फाइव आईज' नेटवर्क पांच देशों का एक खुफिया गठजोड़ है जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूजीलैंड शामिल हैं। ट्रूडो ने कहा, भारत ने वास्तव में ऐसा किया, और हमारे पास यह मानने के कारण हैं कि उन्होंने ऐसा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का तात्कालिक दृष्टिकोण भारत सरकार के साथ मिलकर इस पर काम करना है, ताकि जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।

जी-20 शिखर सम्मेलन में बन जाती असहज स्थिति

पिछले वर्ष सितंबर में भारत द्वारा आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए एक बड़ा अवसर था, और कनाडा उस समय यदि इन आरोपों को सार्वजनिक कर देता तो भारत के लिए इस शिखर सम्मेलन में बहुत असहज स्थिति बन सकती थी। उन्होंने कहा, हमने ऐसा नहीं करने का फैसला किया। हमने पर्दे के पीछे काम करना जारी रखने का फैसला किया ताकि भारत हमारे साथ सहयोग करे। ट्रूडो ने कहा कि भारतीय पक्ष ने सबूत मांगे और हमारा जवाब था, यह आपकी सुरक्षा एजेंसियों के पास है। ट्रूडो ने कहा कि लेकिन भारतीय पक्ष ने सबूतों पर जोर दिया। उन्होंने कहा, और उस समय, यह मुख्य रूप से खुफिया जानकारी थी, न कि ठोस साक्ष्य। इसलिए हमने कहा, चलिए, साथ मिलकर काम करते हैं और आपकी सुरक्षा सेवाओं पर नज़र डालते हैं और शायद हम यह काम कर सकें।
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