अमेरिका में खालिस्तानियों की शर्मनाक करतूत, सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास को आग लगाने की कोशिश

Indian consulate in San Francisco : आग लगाने की इस घटना में दूतावास को ज्यादा क्षति नहीं पहुंची है और दूतावास का कोई कर्मी घायल नहीं हुआ है। सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय दूतावास पर पहले भी हमला हो चुका है। गत मार्च महीने में खालिस्तान समर्थकों ने यहां हमला कर दूतावास को क्षतिग्रस्त किया।

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सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय दूतावास में आग लगाने की कोशिश।

Indian consulate in San Francisco : अमेरिका में खालिस्तानियों ने शर्मनाक हरकत की है। इन्होंने सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय दूतावास में आग लगाने के प्रयास किए हैं। इस घटना की अमेरिका ने कड़े शब्दों में निंदा की है। फेडरल ब्यूरो ऑफ इंवेस्टिगेशन (FBI)घटना की जांच में जुट गई है। अमेरिका का कहना है कि वह कथित उपद्रव एवं आगजनी के प्रयास की कड़ी निंदा करता है। रिपोर्टों में कहा गया है कि खालिस्तानी चरमपंथियों ने रात के समय करीब दो बजे दूतावास में आल लगाई लेकिन सैन फ्रांसिस्को पुलिस ने इस आग पर जल्द ही काबू पा लिया।

किसी के घायल होने की खबर नहीं

आग लगाने की इस घटना में दूतावास को ज्यादा क्षति नहीं पहुंची है और दूतावास का कोई कर्मी घायल नहीं हुआ है। सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय दूतावास पर पहले भी हमला हो चुका है। गत मार्च महीने में खालिस्तान समर्थकों ने यहां हमला कर दूतावास को क्षतिग्रस्त किया।

गत मार्च में लंदन स्थित दूतावास के बाहर प्रदर्शन

दरअसल, इसी साल मार्च में लंदन स्थित भारतीय दूतावास पर खालिस्तान समर्थकों ने प्रदर्शन किया और दूतावास पर लगे तिरंगे को नीचे उतारने की कोशिश की। यह प्रदर्शन पंजाब में अमृतपाल और उसके समर्थकों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई को लेकर हुआ था। बीते दिन एनआईए ने इसको लेकर एक सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया था। इस घटना की भारत ने कड़े शब्दों में निंदा की और नाराजगी जताई। भारत सरकार ने ब्रिटेन से अपने दूतावासों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त कदम उठाने के लिए कहा।

खालिस्तानी सोच किसी के लिए भी ठीक नहीं-जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि ‘चरमपंथी, अतिवादी’ खालिस्तानी सोच भारत या अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे सहयोगी देशों के लिए ठीक नहीं है। विदेश मंत्री ने कहा, ‘हमने कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे हमारे सहयोगी देशों, जहां खालिस्तानी गतिविधियां हुई हैं, उनसे आग्रह किया है कि वे खालिस्तानियों को तवज्जो नहीं दें, क्योंकि उनकी (खालिस्तानियों की) चरमपंथी, अतिवादी सोच न तो हमारे लिए, न ही उनके लिये और न ही उनसे (उन देशों से) हमारे संबंधों के लिए ठीक है।’

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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