ब्रिटेन: महाराजा चार्ल्स ने भारतीय समुदाय के दो सदस्यों को दिए सम्मान किए रद्द, जानें हुई कार्रवाई
Britain King Charles: यदि कोई व्यक्ति किसी फौजदारी अपराध, ऐसे व्यवहार का दोषी पाया जाता है जिसके परिणामस्वरूप नियामक या पेशेवर निकाय द्वारा उसकी निंदा की जाती है, या ऐसा व्यवहार करता है जो सम्मान प्रणाली को बदनाम करने वाला माना जाता है। ऐसे में उसका सम्मान वापस लिया जा सकता है।
King Charles III
Britain King Charles: ब्रिटेन के हाउस ऑफ लॉर्ड्स के भारतीय मूल के सदस्य रमिंदर सिंह रेंजर को कमांडर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (सीबीई) का सम्मान छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन पर सम्मान प्रणाली को बदनाम करने का आरोप है। इसके साथ ही हिंदू समुदाय और अंतर-धार्मिक संबंधों में सेवाओं के लिए ऑफिसर ऑफ द सिविल डिविजन ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर (ओबीई) के रूप में अनिल कुमार भनोट की दी गई नियुक्ति को भी रद्द कर दिया गया है।
कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य और ब्रिटेन स्थित एफएमसीजी कंपनी सन मार्क लिमिटेड के संस्थापक रमिंदर सिंह रेंजर को दिया सम्मान महाराजा चार्ल्स तृतीय द्वारा रद्द और निरस्त कर दिया गया। रमिंदर को लॉर्ड रमी रेंजर के नाम से भी जाना जाता है। उनके प्रवक्ता ने इस फैसले को अन्यायपूर्ण करार दिया और बताया कि रेंजर इसे चुनौती देंगे।
संसदीय आचार संहिता के उल्लंघन पर हुई कार्रवाई
ब्रिटिश मंत्रिमंडल कार्यालय की जब्ती समिति ने हालांकि ऐसी सिफारिशों के पीछे के कारणों को स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन यह कदम पिछले साल लॉर्ड्स की जांच के बाद उठाया गया है, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया था कि रेंजर ने धमकाने और उत्पीड़न से संबंधित संसदीय आचार संहिता का उल्लंघन किया था। द लंदन गजट में प्रकाशित आधिकारिक सार्वजनिक सूचना में कहा गया, महाराजा ने निर्देश दिया है कि 31 दिसंबर, 2015 को ‘कमांडर ऑफ द सिविल डिविजन ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर के रूप में रमिंदर सिंह की नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी और उनका नाम उक्त आदेश के रजिस्टर से मिटा दिया जाएगा।
क्यों वापस लिया जाता है सम्मान?
मंत्रिमंडल कार्यालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति किसी फौजदारी अपराध, ऐसे व्यवहार का दोषी पाया जाता है जिसके परिणामस्वरूप नियामक या पेशेवर निकाय द्वारा उसकी निंदा की जाती है, या ऐसा व्यवहार करता है जो सम्मान प्रणाली को बदनाम करने वाला माना जाता है। ऐसे में उसका सम्मान वापस लिया जा सकता है।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author
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