Nepal New PM: नेपाल के नए प्रधानमंत्री बने के.पी शर्मा ओली, भारत के लिए हैं खतरे के लिए घंटी! समझिए कैसे
Nepal New PM: नेपाल के नए प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली को चीन का नजदीकी माना जाता है। ओली के पहले के कार्यकाल के दौरान ओली के भारत के साथ तल्ख रिश्ते रहे थे।
नेपाल के नए सीएम बनें के. पी. शर्मा ओली
- नेपाल में एक बार फिर अस्थिर सरकार
- बारी-बारी से पीएम पद बांटने का समझौता!
- केपी शर्मा ओली के भारत से तल्ख रहे हैं रिश्ते
Nepal New PM: के.पी.शर्मा ओली नेपाल के नए प्रधानमंत्री बन गए है। ये पहले से ही तय लग रहा था कि के.पी शर्मा ओली ही नेपाल के पीएम बनेंगे। के.पी.शर्मा ओली का प्रधानमंत्री बनना, भारत के लिए अच्छे संकेत नहीं है। हाल के सालों में नेपाल ने भारत के साथ अपने रिश्ते तल्ख रखें हैं, जिसमें ओली की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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बारी-बारी से घूमेंगे पीएम की कुर्सी!
शुक्रवार देर रात ओली ने नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा के समर्थन से सरकार बनाने का दावा पेश किया और प्रतिनिधि सभा के 165 सदस्यों के हस्ताक्षर वाला समर्थन पत्र सौंपा, जिस पर उनकी पार्टी से 77 तथा नेपाली कांग्रेस से 88 सदस्यों के दस्तखत थे। सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष प्रचंड शुक्रवार को शक्ति परीक्षण के दौरान के विश्वासमत हासिल नहीं कर पाए थे। पिछले हफ्ते की शुरुआत में, नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा और सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष ओली ने नयी गठबंधन सरकार बनाने के लिए सात सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि प्रधानमंत्री का शेष कार्यकाल बारी-बारी से उनके बीच साझा किया जाएगा।
चीन से दोस्ती और भारत के साथ तल्खी
नेपाल में सीपीएन-यूएमएल पार्टी के अध्यक्ष के. पी. शर्मा ओली को नयी गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने के लिए रविवार को चौथी बार देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। उन्हें चीन समर्थक माना जाता है। ओली ने 11 अक्टूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक देश के प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। इस दौरान नयी दिल्ली के साथ काठमांडू के संबंध तनावपूर्ण रहे। अपने पहले कार्यकाल के दौरान ओली ने भारत पर नेपाल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और नयी दिल्ली पर उनकी सरकार को गिराने का आरोप लगाया था। इसके बाद वह पांच फरवरी 2018 से 13 मई 2021 तक फिर प्रधानमंत्री रहे।
नेपाल में 16 साल में 14 सरकारें
नेपाल को लगातार राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है और गणतंत्र प्रणाली लागू होने के बाद पिछले 16 वर्षों में देश ने 14 सरकारें देखी हैं। वर्ष 2008 में जब पूर्ववर्ती राजशाही को औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया गया और नेपाल ने अंतरिम संविधान को अपनाया, तब से यहां 14 अलग-अलग सरकारें बनीं। इनमें दाहाल, देउबा और ओली ने प्रधानमंत्री के रूप में कई बार पद संभाला।
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