के. पी. शर्मा ओली हो सकते हैं नेपाल के अगले प्रधानमंत्री, प्रचंड विश्वासमत में हारे, लेकिन चीन से दोस्ती में जीते!

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' शुक्रवार को संसद में विश्वासमत हासिल नहीं कर पाए। पिछले सप्ताह उनकी सरकार से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) ने अपना समर्थन वापस ले लिया था।

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के. पी. शर्मा ओली हो सकते हैं नेपाल के अगले प्रधानमंत्री (फोटो- @kpsharmaoli)

मुख्य बातें
  • प्रचंड को मिले सिर्फ 63 वोट
  • विश्वासमत प्रस्ताव के विरोध में 194 वोट पड़े
  • विश्वासमत जीतने के लिए कम से कम 138 वोट की जरूरत

नेपाल में राजनीतिक उठापटक जारी है। वर्तमान प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' की सरकार गिर चुकी है। प्रचंड विश्वासमत हासिल नहीं कर पाए हैं। अब खबर है कि पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली फिर से पीएम बन सकते हैं। प्रचंड भले ही विश्वासमत हासिल नहीं कर सकें हों, लेकिन चीन के साथ अपनी दोस्ती वो आखिरी समय में भी निभा गए।

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कैसे हारे प्रचंड

पिछले सप्ताह प्रचंड सरकार से कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) ने अपना समर्थन वापस ले लिया था। जिसके बाद से ये सरकार अल्पमत में थी। देश की 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 69 वर्षीय प्रचंड को 63 वोट मिले, जबकि विश्वासमत प्रस्ताव के विरोध में 194 वोट पड़े। विश्वासमत हासिल करने के लिए कम से कम 138 वोट की जरूरत थी। प्रतिनिधि सभा के 258 सदस्यों ने मतदान में भाग लिया, जबकि एक सदस्य अनुपस्थित रहा।

ओली कैसे बनेंगे पीएम

पूर्व प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सीपीएन-यूएमएल ने सदन में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के साथ सत्ता-साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद पिछले सप्ताह प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। नेपाली कांग्रेस के पास प्रतिनिधि सभा में 89 सीट हैं, जबकि सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीट हैं। इस तरह दोनों की संयुक्त संख्या 167 है, जो निचले सदन में बहुमत के लिए आवश्यक 138 से कहीं अधिक है। नेपाली कांग्रेस के अध्यक्ष शेर बहादुर देउबा पहले ही अगले प्रधानमंत्री के रूप में ओली का समर्थन कर चुके हैं। देउबा और ओली ने प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार को अपदस्थ करने और नयी गठबंधन सरकार बनाने के लिए सोमवार को सात सूत्री समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

चीन पर मेहरबान प्रचंड

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' ने संसद में विश्वास मत पेश किए जाने से एक दिन पहले, बीजिंग की महत्वाकांक्षी ‘बेल्ट एंड रोड इनीशिएटिव’ के तहत हिमालयी राष्ट्र को चीन के साथ रेल द्वारा जोड़ने के लिए एक समझौते को मंजूरी दी। सरकारी सूत्रों के हवाले से ‘मायरिपब्लिका’ समाचार पोर्टल ने कहा कि इस निर्णय का राजनीतिक महत्व से अधिक परिचालनात्मक महत्व है और यह चीन की अरबों डॉलर की आधारभूत परियोजना में नेपाल की भागीदारी के अनुरूप है।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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