LAC विवादः बीजिंग में India-China के बीच मंथन, टकराव वाली शेष जगहों से फौजी पीछे हटाने के प्रस्तावों पर हुई बात

LAC Row: डब्ल्यूएमसीसी की बीजिंग में बैठक ऐसे समय में हुई है जब एक सप्ताह बाद ही दिल्ली में जी20 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक होने वाली है। चीन के विदेश मंत्री किन गांग के 1-2 मार्च को होने वाली बैठक में हिस्सा लेने की उम्मीद है।

LAC Row: भारत और चीन के बीच एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) विवाद पर बुधवार (22 फरवरी, 2023) को बीजिंग में कूटनीतिक बातचीत हुई। दोनों मुल्कों के बीच इस दौरान पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर टकराव वाली बची जगहों से अपने-अपने फौजी पीछे हटाने से जुड़े प्रस्तावों पर ‘खुले और रचनात्मक’ तरीके से चर्चा हुई। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दोनों पक्षों ने बीजिंग में भारत-चीन सीमा विषय पर विचार विमर्श और समन्वय के कार्यकारी तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) की बैठक में इन प्रस्तावों पर चर्चा की। भारत-चीन ने मौजूदा समझौते और प्रोटोकॉल के तहत इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए जल्द ही किसी तिथि पर 18वें चरण की वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता आयोजित करने पर सहमति जताई है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘डब्ल्यूएमसीसी की 26वीं बैठक बीजिंग में 22 फरवरी 2023 को आमने-सामने बैठकर हुई। जुलाई 2019 में हुई 14वीं बैठक के बाद यह पहली डब्ल्यूएमसीसी बैठक थी जो आमने-सामने हुई। हालांकि, प्रस्तावों पर चर्चा के बाद भी कोई हल निकलने का संकेत नहीं है। बैठक में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) शिलपक अंबुले ने किया। चीनी शिष्टमंडल का नेतृत्व चीनी विदेश मंत्रालय में सीमा और समुद्री मामलों के विभाग के महानिदेशक होंग लियांग ने किया। अंबुले ने चीन की सहायक विदेश मंत्री हुआ चुनयिंग से भी मुलाकात की।

वहीं, बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय ने भी अपनी ओर से बयान जारी किया और बताया कि दोनों पक्षों ने चीन-भारत सीमा मुद्दे पर शुरूआती चरण में हुई सकारात्मक प्रगति की समीक्षा की। गलवान घाटी और चार अन्य स्थानों पर दोनों देशों के सैनिकों को पीछे हटाने के नतीजों का समर्थन किया। दरअसल, सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता कायम रखने के लिए वार्ता और समन्वय को लेकर वर्ष 2012 में डब्ल्यूएमसीसी का गठन किया गया था, जबकि ताजा वार्ता से पहले 17वें दौर की वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की बैठक 20 दिसंबर को हुई थी पर शेष मुद्दों के हल की दिशा में आगे बढ़ने के संकेत नहीं मिले थे।

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