चांद पर जहां उतरे थे नील आर्मस्ट्रांग, उससे कुछ दूरी पर मिल गई बड़ी गुफा, भविष्य में बन सकता है इंसानों का 'शेल्टर होम'

Cave on the Moon: इटली के वैज्ञानिकों को नासा के मिशन अपोलो 11 की लैंडिंग वाले स्थान से कुछ दूरी पर 100 मीटर लंबी गुफा मिली है। यह गुफा भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों का शेल्टर होम हो सकती है। यह गुफा अपोलो 11 के लैंडिंग प्वाइंटर से 250 मील दूर सी ऑफ ट्रैंक्विलिटी में स्थित है।

Cave on Moon

चांद पर मिली विशाल गुफा।

Cave on the Moon: अंतरिक्ष में चांद एक ऐसी जगह है, जिसे इंसानों ने सबसे ज्यादा एक्सप्लोर किया है। चांद पर इंसानी जीवन संभव है या नहीं? यह सवाल बार-बार अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की ओर खींचा लिए जाता है। कई ऐसे मिशन गए हैं और ढ़ेर सारी खोज भी हुई। अब चांद पर कुछ ऐसा मिला है, जिससे वहां इंसानों को बसाने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इटली के वैज्ञानिकों ने चांद पर एक गुफा होने की पुष्टि की है। यह गुफा उसे स्थान से ज्यादा दूर नहीं है, जहां 1969 में नील आर्मस्ट्रांग उतरे थे।
इटली के वैज्ञानिकों की एक टीम ने सोमवार को बताया कि नासा के मिशन अपोलो 11 की लैंडिंग वाले स्थान से कुछ दूरी पर 100 मीटर लंबी गुफा मिली है। यह गुफा भविष्य में अंतरिक्ष यात्रियों का शेल्टर होम हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद पर ऐसी सैकड़ों गुफा हो सकती हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि जो गुफा उन्हें मिली है वह अपोलो 11 के लैंडिंग प्वाइंटर से 250 मील दूर सी ऑफ ट्रैंक्विलिटी में स्थित है।

चांद पर ऐसे मिली गुफा

जानकारी के मुताबिक, इटली के ट्रेंटो यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक लॉरेंजो ब्रूजोन और लियोनार्डो कैरर ने इस गुफा को ढूंढा है। उन्होंने रडार की मदद से चांद की पथरीली सतह पर छेद के अंदर देखने की कोशिश की। यह गुफा इतनी बड़ी है कि धरती से बिना किसी उपकरण भी इसे देखा जा सकता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि गुफा में चांदी की सतह की ओर एक रोशनदान है जो आगे जाकर अंडरग्राउंड हो जाता है।

गुफाओं में रहना हो सकता है संभव

अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का कहना है कि चांद की सतरह पर ये गुफाएं लावा ट्यूब की होंगी, ऐसी गुफाएं पृथ्वी पर भी पाई जाती हैं। नासा का मानना है कि चंद्रमा की गुफाओं में रहना संभव हो सकता है। ये गुफाएं अंतरिक्ष यात्रियों के लिए इंमरजेंसी शेल्टर का निर्माण कर सकती हैं। इनके अंदर अंतरिक्ष यात्री कॉस्मिक रेडिएशन, सोलर सेडिएशन या उल्कापिंडों से सुरक्षित रह सकते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | दुनिया (world News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited