चीन में भारतीय पत्रकारों की उपस्थिति होगी शून्य, आखिरी जर्नलिस्ट भी छोड़ेगा देश
Indian Journalist in China: जानकारी के मुताबिक, 2023 की शुरुआत में चीन में चार भारतीय पत्रकार काम कर रहे थे। इसमें दो पत्रकारों के वीजा को चीनी सरकार ने फ्रीज कर दिया, जिसके बाद उन्हें अप्रैल में चीन वापस जाने से रोक दिया गया। वहीं शेष दो में से एक ने 11 जून को चीन छोड़ दिया था, क्योंकि उसके वीजा समाप्त हो गया था।
भारत-चीन
दरअसल, चीन में काम कर रहे आखिरी भारतीय पत्रकार का शी जिनपिंग सरकार ने वीजा नहीं बढ़ाया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने सोमवार को भारत पर देश में काम करने वाले उसके पत्रकारों के साथ भेदभाव और अनुचित व्यवहार करने का आरोप लगाया है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि चीन में काम करने वाला आखिरी भारतीय पत्रकार समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (पीटीआई) से जुड़ा था और इस महीने वह छोड़ देगा जब उसका वीजा समाप्त हो रहा है।
2023 की शुरुआत में थे चार भारतीय पत्रकार
जानकारी के मुताबिक, 2023 की शुरुआत में चीन में चार भारतीय पत्रकार काम कर रहे थे। इसमें दो पत्रकारों के वीजा को चीनी सरकार ने फ्रीज कर दिया, जिसके बाद उन्हें अप्रैल में चीन वापस जाने से रोक दिया गया। वहीं शेष दो में से एक ने 11 जून को चीन छोड़ दिया था, क्योंकि उसके वीजा समाप्त हो गया था। इसके बाद चीन में बचा आखिरी भारतीय पत्रकार इसी महीने (जून के अंत तक) भारत वापस लौट आएगा। इसके बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था यानी चीन में भारतीय मीडिया की उपस्थिति भी शून्य हो जाएगी।
चीन ने उल्टा भारत पर लगाए आरोप
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारत में चीनी पत्रकारों के साथ गलत व्यवहार किया गया। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में वांग के हवाले से कहा गया है, हाल के वर्षों में, भारत में चीनी पत्रकारों को अनुचित और भेदभावपूर्ण व्यवस्था दी गई है। चीनी विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया है कि भारत ने 2020 से चीनी पत्रकारों के वीजा को अनुमोदित नहीं किया है, जिसके चलते 14 में से सिर्फ एक चीनी पत्रकार भारत में काम कर रहा है।
भारत ने दी प्रतिक्रिया
चीन के इस आरोप के बाद भारत सरकार ने भी प्रतिक्रिया दी है। सरकार की ओर से कहा गया है कि भारत में चीनी पत्रकार बिना किसी कठिनाई के देश में काम कर रहे हैं, लेकिन चीन में भारतीय पत्रकारों के साथ ऐसा नहीं है। पिछले महीने, भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में जाने वाले चीनी पत्रकारों के अस्थायी वीजा को मंजूरी दी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने सभी विदेशी पत्रकारों को देश में काम करने की अनुमति दी है
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