केवल ट्वीट के लिए सऊदी अरब में व्यक्ति को मिली मौत की सजा, अभिव्यक्ति की आजादी पर बड़ा प्रहार

Saudi Arab News: 10 जुलाई को सऊदी की आतंकरोधी ट्रिव्यूनल ने सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक मोहम्मद अल घामडी को मौत की सजा सुनाई। घामडी को ऑनलाइन अपने विचार प्रकट करने पर यह सजा सुनाई गई। रिटायर शिक्षक के खिलाफ साक्ष्य के रूप में उनके ट्वीट्स, री-ट्वीट्स एवं यूट्यूब के पोस्ट रखे गए।

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सऊदी अरब में ट्वीट के लिए व्यक्ति को मौत की सजा।

Saudi Arab News: अपराधों के लिए सऊदी अरब में कड़ी से कड़ी दी जाती है। यहां एक व्यक्ति को केवल उसके ट्वीट्स एवं यूट्यूब के पोस्ट्स के लिए मौत की सजा दी गई है। मानवाधिकार संगठनों ने सऊदी सरकार से इस सजा को खत्म करने की मांग की है। मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि यह देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एवं शांतिपूर्ण राजनीतिक असहमति पर कड़ा प्रहार है।

ट्वीट एवं यूट्यूब पर पोस्ट किए थे अपने विचार

बता दें कि गत 10 जुलाई को सऊदी की आतंकरोधी ट्रिव्यूनल ने सेवानिवृत्त स्कूल शिक्षक मोहम्मद अल घामडी को मौत की सजा सुनाई। घामडी को ऑनलाइन अपने विचार प्रकट करने पर यह सजा सुनाई गई। रिटायर शिक्षक के खिलाफ साक्ष्य के रूप में उनके ट्वीट्स, री-ट्वीट्स एवं यूट्यूब के पोस्ट रखे गए।

भयानक स्तर पर पहुंचा दमन-मानवाधिकार संगठन

ह्यूमन राइट्स वाट की रिसर्चर जोए शिया ने कहा, 'सऊदी अरब में दमन अब भयानक स्तर पर पहुंच गया है। अब यहां कोर्ट शांतिपूर्ण ट्वीट्स के लिए मौत की सजा सुना रहा है।' उन्होंने कहा कि असहमति जताने वालों के खिलाफ सऊदी के अधिकारियों ने अपना अभियान तेज कर दिया है।

11 जून को गिरफ्तार हुए घामडी

रिपोर्टों के मुताबिक सुरक्षा बलों ने गत 11 जून को घामडी को मक्का में उनके घर के बाहर से उनकी पत्नी एवं बच्चों के सामने गिरफ्तार किया। गिरफ्तार करने के बाद उन्हें जेद्दा की एक जेल में रखा गया। जेल में इन्हें अपने परिवार से नहीं मिलने दिया गया। घामडी को वकील भी नहीं दिया गया है। बाद में उन्हें रियाद की एक जेल में शिफ्ट किया गया।

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