हमें राजशाही वापस चाहिए...नेपाल में प्रदर्शनकारियों की पुलिस से हुई भिड़ंत, जमकर लगे नारे
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के मकसद से पानी की बौछारों और आंसू गैस का इस्तेमाल किए जाने के कारण एक नागरिक घायल हो गया। तिनकुने क्षेत्र में भारी संख्या में राजशाही समर्थक एकत्र हुए और नारे लगाने लगे।

नेपाल में राजशाही समर्थकों का प्रदर्शन
Monarchy Supporters March in Kathmandu: नेपाल के काठमांडू शहर में शुक्रवार को सुरक्षा बलों द्वारा लगाए गए अवरोधक को तोड़ने की कोशिश कर रहे राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया, जिसमें एक व्यक्ति घायल हो गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने यह जानकारी दी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने यहां बताया कि काठमांडू में दो विरोधी समूहों- राजतंत्रवादियों और गणतंत्रवादियों- द्वारा शहर के पूर्वी भाग में तिनकुने और महानगर के मध्य में भृकुटिमंडप में एक साथ प्रदर्शन किए। प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार, दोनों समूहों के बीच टकराव टालने के लिए सैकड़ों पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।
पानी की बौछारों और आंसू गैस का इस्तेमाल
जब प्रदर्शनकारियों ने प्रतिबंधित क्षेत्र न्यू बानेश्वर की ओर बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के आरोप में कई युवकों को हिरासत में ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के मकसद से पानी की बौछारों और आंसू गैस का इस्तेमाल किए जाने के कारण एक नागरिक घायल हो गया। तिनकुने क्षेत्र में भारी संख्या में राजशाही समर्थक एकत्र हुए और ‘राजा आओ देश बचाओ’, ‘भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद’, ‘हमें राजशाही वापस चाहिए’ जैसे नारे लगाने लगे।
नेपाल में राजशाही की बहाली की मांग को लेकर राजशाही समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और अन्य लोग भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह द्वारा लोकतंत्र दिवस (19 फरवरी) पर प्रसारित अपने वीडियो संदेश में समर्थन की अपील के बाद से राजतंत्र समर्थक राजतंत्र की बहाली की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर, समाजवादी मोर्चे के नेतृत्व में हजारों गणतंत्रवादी यहां भृकुटिमंडप में एकत्र हुए और उन्होंने ‘गणतंत्रीय व्यवस्था अमर रहे’, ‘भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई करो’ और ‘राजशाही मुर्दाबाद’ जैसे नारे लगाए।
पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें लेकर पहुंचे प्रदर्शनकारी
नेपाल के राष्ट्रीय झंडे और पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीरें लेकर आए प्रदर्शनकारियों ने तिनकुने इलाके में घर को आग लगा दी और पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश करते हुए पुलिस से भिड़ गए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि झड़प में एक व्यक्ति घायल हो गया। राजतंत्र के समर्थकों और विरोधियों द्वारा अलग-अलग प्रदर्शन किए जाने के कारण काठमांडू में सैकड़ों दंगा पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था।
जब प्रदर्शनकारियों ने प्रतिबंधित क्षेत्र न्यू बनेश्वर की ओर बढ़ने का प्रयास किया तो पुलिस ने प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के लिए कई युवाओं को हिरासत में लिया। राजतंत्र समर्थक राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और अन्य लोग विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। नेपाल के राजनीतिक दलों ने संसद की घोषणा के माध्यम से 2008 में 240 साल पुरानी राजशाही को समाप्त कर दिया और पूर्ववर्ती हिंदू राज्य को एक धर्मनिरपेक्ष, संघीय, लोकतांत्रिक गणराज्य में बदल दिया।
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