मोसाद के बाद दुनिया की बेहतरीन खुफिया एजेंसी FSB भी चूकी, मास्को पर हुए हमले में 137 की गई जान

Moscow Concert Attack: जानकारों का मानना है कि एजेंसी घरेलू और वैश्विक मोर्चों पर काम के बोझ से दबी हुई है और इसलिए हो सकता है कि बाहरी एजेंसियों के हमलों के अलर्ट एवं खुफिया सूचनाओं को उसने नजरंदाज किया हो।

Moscow Attack

मॉस्को में शुक्रवार रात हुआ भीषण हमला।

Moscow Concert Attack: मॉस्को के कंसर्ट हॉल पर हुए हमले के बाद रूस की खुफिया एजेंसी FSB पर सवाल उठाए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि यह एजेंसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विरोधियों को पकड़ने में तो काफी असरदार रही है लेकिन इतने बड़े नरसंहार को रोकने में नाकाम साबित हो गई। इससे उसकी प्राथमिकताओं, संसाधनों एवं खुफिया सूचना जुटाने की काबिलियत पर सवाल उठने लगे हैं। इस हमले में 137 लोगों की जान गई है। गत सात अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया। इजरायल में हमास के हमलों को भी खुफिया एजेंसी की नाकामी माना जाता है। इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद को इन हमलों की भनक तक नहीं लगी जबकि वह दुनिया के बेहतरीन खुफिया एजेंसी मानी जाती है।

अब FSB के नाम से जानी जाती है KGB

दरअसल, सोवियत युग की खुफिया एजेंसी KGB अब FSB के नाम से जानी जा रही है। बदले वैश्विक परिदृश्य एवं चुनौतियों के बीच इसके कामकाज का तरीका बदला है और इसके सामने कई टॉस्क हैं। वह कई मोर्चों पर विरोधियों से निपट रही है। यूक्रेन के प्रति निष्ठा रखने वाले लोगों को वह रूस में पकड़ रही है। क्रेमलिन विरोधी गतिविधियों पर वह नजर बनाए हुए है। साथ ही उसके ऊपर विदेशी खुफिया एजेंसियों के ऑपरेशन को भी नाकाम करने की जिम्मेदारी है।

एसएसबी पर काम का बोझ ज्यादा

जानकारों का मानना है कि एजेंसी घरेलू और वैश्विक मोर्चों पर काम के बोझ से दबी हुई है और इसलिए हो सकता है कि बाहरी एजेंसियों के हमलों के अलर्ट एवं खुफिया सूचनाओं को उसने नजरंदाज किया हो। सीरिया में आईएसआईएस के खिलाफ असद सरकार के अभियान का पुतिन समर्थन एवं सैन्य मदद देते आए हैं। इसलिए रूस इस आतंकवादी संगठन के निशाने पर रहता है। मास्को हमले की जिम्मेदारी भी आईएसआईएस-खेरासान गुट ने ली है।

हथियार छिपाकर दाखिल हुए थे हमलावर

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी डेनियल हॉफमैन ने कहा, 'आप सब कुछ नहीं कर सकते।' हॉफमैन मास्को में एजेंसी के स्टेशन चीफ रह चुके हैं। उन्होंने कहा, 'इस बात की संभावना है कि यूक्रेन युद्ध और राजनीतिक विरोधियों पर नजर रखने के चलते एजेंसी का कामकाज बहुत बड़ गया हो। ऐसे में आतंकी हमले का इनपुट कहीं दब गया हो।' गत शुक्रवार रात हुए इस हमले के बारे में एफएसबी ने कहा कि इस हमले की योजना बहुत बारीकी और कड़ी मेहनत के साथ बनाई गई थी। बंदूकधारी अपने हथियारों बहुत सावधानी पूर्वक छिपाकर आए थे।

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