मोसाद ने गजब का किया ऑपरेशन, एक ही 'वार' में हिजबुल्ला की संचार व्यवस्था कर दिया ध्वस्त

Lebanon Pasers Explosion : लेबनान में एक साथ 5000 पेजर्स में हुए विस्फोट की खबर जिसने भी सुनी वह सन्न रह गया। नई पीढ़ी के लिए पेजर बिल्कुल नई चीज है। नई पीढ़ी ने तो शायद ही पेजर देखा या उसका इस्तेमाल किया होगा। तो हम बताते हैं कि पेजर होता क्या है। पेजर का पूरा नाम पार्टिकल एक्सलरेशन बॉय स्टीमूलेटेड एमिशन ऑफ रेडिएशन है।

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लेबनान में इजरायल का ऑपरेशन।

मुख्य बातें
  • मंगलवार को लेबनान में 5000 पेजर्स में विस्फोट हुए, 12 लोगों की मौत हुई
  • बुधवार को लेबनान के वॉकी-टॉकी में हुए विस्फोट, 20 लोगों की जान गई
  • हिजबुल्ला की संचार व्यवस्था हुई ठप, बड़ी संख्या में लोग हुए जख्मी
Lebanon Pasers Explosion : मंगलवार को पेजर्स में हुए विस्फोटों से लेबनान अभी संभला भी नहीं था कि बुधवार को वॉकी-टॉकी में विस्फोट हो गए। दो दिन के विस्फोटों में अब तक 32 लोगों की जान जा चुकी है, अस्पतालों में जिस तरह से घायल पहुंच रहे हैं, उससे यह आंकड़ा बढ़ सकता है। इन विस्फोटों के लिए लेबनान की सरकार और हिजबुल्ला ने इजरायल को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, इजरायल ने इन विस्फोटों पर कोई बयान नहीं दिया है लेकिन उसके रक्षा मंत्री गैलेंट ने कहा है कि हिजबुल्ला से उनकी लड़ाई नए फेज में पहुंच रही है। गैलेंट का इशारा इन विस्फोटों की तरफ है।

5000 पेजर्स में हुए विस्फोट

लेबनान में एक साथ 5000 पेजर्स में हुए विस्फोट की खबर जिसने भी सुनी वह सन्न रह गया। नई पीढ़ी के लिए पेजर बिल्कुल नई चीज है। नई पीढ़ी ने तो शायद ही पेजर देखा या उसका इस्तेमाल किया होगा। तो हम बताते हैं कि पेजर होता क्या है। पेजर का पूरा नाम पार्टिकल एक्सलरेशन बॉय स्टीमूलेटेड एमिशन ऑफ रेडिएशन है। दरअसल, मोबाइल से पहले किसी तक सूचना पहुंचाने के लिए इसी डिवाइस का इस्तेमाल होता था। आप कहीं रास्ते में है, बाजार में हैं या सो रहे हैं। आपके नियोक्ता या मैनेजर के पास से इस पर एक मैसेज आता था, इस मैसेज को आप पढ़ते थे और उस संदेश के हिसाब से आपको काम करना होता था। ज्यादातर पेजर पर आए मैसेज में किसी नंबर पर फोन करने या कहीं पहुंचने के लिए कहा जाता था। एक समय था जब इसका खूब इस्तेमाल होता था लेकिन मोबाइल फोन के आ जाने के बाद कम्यूनिकेशन की यह तकनीक आउट डेटेड हो गई और धीरे-धीरे प्रचलन से बाहर हो गई।

ट्रेस से बचने के लिए पेजर्स का इस्तेमाल

आप पूछ सकते हैं कि यह डिवाइस अगर पुरानी और आउट डेटेड थी तो हिजबुल्ला के लड़ाके और कमांडर आखिर इसका इस्तेमाल क्यों कर रहे थे। तो इसका जवाब है सुरक्षा। हिजबुल्ला मानता है कि मोबाइल फोन सेफ नहीं है। चूंकि मोबाइल फोन इंटरनेट से चलता है, इसलिए इसकी हैकिंग आसानी से हो सकती है। मोबाइल फोन को हैक कर उसकी गतिविधियों की निगरानी हो सकती है और उसे ट्रेस किया जा सकता है। जबकि पेजर रेडियो फ्रिक्वेंसी पर चलता है। इसे ट्रेस कर पाना आसान नहीं है। इसलिए हिजबुल्ला के लड़ाके आपस में सपर्क करने के लिए पेजर का इस्तेमाल करते थे। लेकिन उन्हें पता नहीं था कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद उनके इस पेजर में भी घुस जाएगी।

मैसेज से एक्टिवेट हुआ विस्फोटक

दरअसल, बात यह है कि हिजबुल्ला ने 5000 पेजर के लिए ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो को आर्डर दिया। फिर गोल्ड अपोलो ने पेजर बनाने का ठेका हंगरी की एक कंपनी दे दिया। हंगरी नाटो का सदस्य है। पेजर ऑर्डर की बात लीक हो गई और यह मोसाद तक पहुंच गई। फिर क्या था मोसाद और इजरायल डिफेंस फोर्स यानी आईडीएफ की इंटेलिजेंस इकाई यूनिट 8200 ने अपना खेल शुरू कर दिया। रिपोर्टों में कहा गया है कि यूनिट 8200 के एजेंट पेजर का उत्पादन करने वाली कंपनी के कर्मचारी के रूप में शामिल हो गए। इन्होंने एक-एक पेजर में हाइली एक्सप्लोसिव ज्यादा मात्रा में नहीं बल्कि कुछ ग्राम में इस तरह से फिट किया कि किसी तरह की जांच में यह डिटेक्ट न हो पाए। फिर क्या था विस्फोटक से लैस ये 5000 पेजर अप्रैल और मई महीने में हिजबुल्ला तक पहुंच गए और वे इसका इस्तेमाल करने लगे। खास बात यह है कि पेजर में विस्फोटक को इस तरह से लगाया गया था कि उसे एक मैसेज से एक्टिवेट किया जा सके। और यही हुआ इजरायल ने एक साथ सभी पेजर पर मैसेज भेजा, और पढ़ने के लिए जैसे ही इस मैसेज को खोला गया, विस्फोटक एक्टिवेट हो गया और एक्टिवेट होते ही उसमें विस्फोट हो गया।

लोग डरे और घबराए हुए हैं

एंबुलेंस में घायलों को लाद-लादकर अस्पताल पहुंचाया गया है। पेजर के विस्फोट में विस्फोट उस वक्त हुए जब कुछ लोग अपने परिवार के साथ घर में थे और कुछ बाजार में खरीदारी कर रहे थे। विस्फोट में सबसे ज्यादा नुकसान लोगों के हाथ, चेहरे और आंखों को हुआ है। बेरूत के एक सरकारी अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि उसने अपनी 25 साल की सेवा में उतनी आंखें नहीं निकाली जितनी कि उसने एक रात में निकाली। पेजर और वॉकी-टॉकी में विस्फोट होने के बाद अफरा-तफरी मची हुई है। लोग डरे और घबराए हुए हैं। घर बाहर निकलने से कतरा रहे हैं। कोई दफ्तर नहीं जा रहा तो किसी को बाजार जाने से डर लग रहा है। इंटरनेट से चलने वाले और इलेक्ट्रानिक उपकरणों का इस्तेमाल करने से लोग परहेज करने लगे हैं।

इलेक्ट्रानिक वस्तुओं पर संदेह

लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि वे क्या करें। किस किस चीज से दूर रहें। घर में टीवी है, माईक्रोवेब है, पंखा है, टीवी है, तरह-तरह के इलेक्ट्रानिक सामान है। बहुत लोग स्मार्ट वाच पहनते हैं। कार से आते-जाते हैं। उन्हें अब सभी इलेक्ट्रानिक चीजों पर संदेह हो रहा है। मान लीजिए अगर ये सभी इलेक्ट्रानिक चीजें एक-एक कर फटने लगें तो फिर क्या होगा?

इजरायल ने बता दिया कि वह क्या कर सकता है

यह तो मानना पड़ेगा कि मोसाद ने इस बार गजब का ऑपरेशन किया है। बिना लेबनान गए एक ही वार में हिजबुल्ला के पूरे संचार तंत्र को ध्वस्त कर दिया। इजरायल की पकड़ में आने से बचने के लिए हिजबुल्ला पेजर पर गया था लेकिन मोसाद वहां भी घुस गया। अपने इस ऑपरेशन के जरिए इजरायल ने बता दिया है कि वह क्या कर सकता है। साइबर वार फेयर और युद्ध में तकनीक का इस्तेमाल करने में वह बहुत आगे है। लेबनान में पेजर और वॉकी टॉकी में विस्फोट युद्ध के बदलते स्वरूप की ओर भी इशारा करता है।
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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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