Black Sea में अमेरिकी ड्रोन से टकराया रूसी जेट, छिड़ा घमासान, जानिए MQ-9 और Su-27 में किसमें कितना है दम
अमेरिका और रूस दोनों प्रमुक विश्व शक्तियां हैं और इनके बीच प्रतिद्वंदिता नई बात नहीं है। अब काला सागर में ड्रोन-लड़ाकू विमान की टक्कर को लेकर दोनों आमने-सामने हैं।
अमेरिकी ड्रोन से टकराया रूसी लड़ाकू विमान (file photo)
काला सागर में हुई टक्कर
ब्लैक सी में टक्कर यूएस एमक्यू-9 ड्रोन (MQ-9) और रूसी एसयू-27 (Su-27) फाइटर जेट के बीच हुई थी। अमेरिका का कहना है कि दो रूसी Su-27 जेट विमानों ने अमेरिकी जासूसी ड्रोन की जासूसी के लिए अंतरराष्ट्रीय हवाई क्षेत्र में उड़ान भरी और इसी दौरान हादसा हुआ। अमेरिका ने कहा कि रूसी लड़ाकू विमानों ने MQ-9 पर ईंधन डाल दिया, ताकि ड्रोन को कुछ नजर नहीं आए या इसे नुकसान पहुंचाया जा सके। इसके बाद दोनों रूसी विमान वहां से उड़ गए। पेंटागन ने कहा कि रूस को ड्रोन नहीं मिला है और रूसी जेट को नुकसान पहुंचने की संभावना है।
वहीं, रूस के रक्षा मंत्रालय ने इस बात से इनकार किया कि उसका विमान मानव रहित हवाई वाहन (UAV) के संपर्क में आया था। रूस ने कहा कि अमेरिकी ड्रोन को क्रीमिया प्रायद्वीप के पास देखा गया था, जिसे मास्को ने 2014 में यूक्रेन से कब्जा कर लिया था।
MQ-9A में कितना दम
MQ-9A हनीवेल TPE331-10 टर्बोप्रॉप इंजन द्वारा संचालित है, जो डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक इंजन कंट्रोल (DEEC) के साथ एकीकृत है। यह विशेष रूप से कम ऊंचाई पर इंजन के प्रदर्शन और ईंधन दक्षता में काफी सुधार करता है। MQ-9A में 27 घंटे से अधिक उड़ते रहने की शक्ति है, 240 KTAS की गति है। यह 50,000 फीट ऊपर तक काम कर सकता है और इसमें 3,850 पाउंड (1746 किलोग्राम) पेलोड क्षमता है जिसमें 3,000 पाउंड (1361 किलोग्राम) बाहरी स्टोर शामिल हैं।
विमान अत्यधिक मॉड्यूलर है और मिशन की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई प्रकार के पेलोड के साथ आसानी से कॉन्फिगर किया गया है। MQ-9A कई मिशन पेलोड ले जाने में सक्षम है, जिसमें शामिल हैं: इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल/इन्फ्रारेड (EO/IR), लिंक्स मल्टी-मोड रडार, मल्टी-मोड मैरीटाइम सर्विलांस रडार, इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेजर्स (ESM), लेजर डिजाइनर और विभिन्न हथियार और पेलोड पैकेज। MQ-9A को अमेरिकी वायु सेना, अमेरिकी होमलैंड सुरक्षा विभाग, NASA, रॉयल एयर फोर्स, इतालवी वायु सेना, फ्रांसीसी वायु सेना और स्पेनिश वायु सेना भी इस्तेमाल कर रही है।
Su-27 की खासियतें
सुखोई Su-27 को 1985 की शुरुआत में सोवियत संघ की वायु सेना में शामिल किया गया था और इसे फ्लेंकर (Flanker) के नाम से भी जाना जाता है। Su-27 ध्वनि की गति से दोगुनी से अधिक गति से उड़ान भरने में सक्षम है और इसकी उड़ान सीमा भी 1,800 मील है। Su-27 हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और कई अन्य गोला-बारूद से लैस है। विमान 500% अधिक पेलोड वहन करता है और इसमें नौ गुना हार्स पावर है। यह सेना को एक लगातार निगरानी और आक्रमण क्षमता प्रदान करता है।
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करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
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