Myanmar air strike : भारतीय सीमा के समीप म्यांमार ने क्यों बरसाए बम? दहशत में मिजोरम के लोग
Myanmar air strike : रिपोर्टों के अनुसार फरकावन ग्राम परिषद के अधय्क्ष रामा ने ने भारतीय क्षेत्र में बम गिरने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि बम गिरने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई और वे डर गए। ग्रामीण को लगता है कि म्यांमार की तरफ से और हमले हो सकते हैं।
विद्रोहियों के कैंप पर किए हवाई हमले।
भारतीय सीमा में ट्रक के क्षतिग्रस्त होने की खबर
रिपोर्टों के अनुसार फरकावन ग्राम परिषद के अधय्क्ष रामा ने ने भारतीय क्षेत्र में बम गिरने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि बम गिरने से ग्रामीणों में दहशत फैल गई और वे डर गए। ग्रामीण को लगता है कि म्यांमार की तरफ से और हमले हो सकते हैं। उन्होंने कहा, 'बम गिरने से हमारी तरफ एक ट्रक क्षतिग्रस्त हुआ। इन हमलों के बाद म्यांमार की तरफ से कुछ लोग हमारी तरफ आए हैं। हमारे गांव के लोग घायलों की मदद कर रहे हैं। हमने देखा कि ये हमले तीन फाइटर जेट्स एवं दो हेलिकॉप्टर से हुए।' हालांकि, म्यांमार सेना की ओर से इन हमलों के बारे में कोई तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
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सेना कर रही स्थिति का आंकलन
मिजोरम सीमा में बम गिरने की पुष्टि भारतीय अधिकारियों ने अभी नहीं की है। गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना के एक अधिकारी ने बताया कि जुंटा के एयर स्ट्राइक की रिपोर्टों की उन्हें जानकारी हुई है। सीमा के समीप कुछ हुआ है और हम स्थिति का आंकलन कर रहे हैं। रिपोर्ट में विद्रोही गुट के कमांडर के हवाले से कहा गया है कि इन हमलों में एक महिला सहित सात विद्रोही लड़ाके मारे गए हैं और कैंप विक्टोरिया में 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।
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विद्रोहियों पर हमले करता रहा है जुंटा
म्यांमार की सेना लोकतंत्र समर्थक विद्रोहियों पर लगातार हमले करती रही है, खासकर उन इलाके में जहां उनकी पकड़ मजबूत है, उन्हें निशाना बनाया जाता रहा है। रिपोर्ट के अनुसार गत अक्टूबर में जुंटा की कार्रवाई में कम से कम विद्रोह गुट के करीब 80 लोग मारे गए। इनमें ज्यादातर नागरिक थे। इस बार जुंटा ने चिन स्थित कैंप विक्टोरिया को निशाना बनाया है। विद्रोहियों को लगता था कि जुंटा उनके इस कैंप पर हवाई हमले नहीं करेगा क्योंकि यह कैंप भारतीय सीमा के समीप स्थित है।
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2021 में म्यांमार में हुआ तख्तापलट
म्यांमार में सेना की दमनकारी एवं हिंसक गतिविधियों से डरकर 40,000 से ज्यादा लोग भागकर मिजोरम में शरण लिए हैं। ये लोग मिजोरम में करीब 60 शरणार्थी शिविरों में हैं। दरअसल, म्यामांर की सेना ने फरवरी 2021 में तख्तापलट कर दिया था। तब से म्यांमार में लोग सेना का विरोध कर रहे हैं और लोकतंत्र की मांग कर रहे हैं। इसके बाद से सेना लोकतंत्र समर्थक एवं विद्रोहियों का दमन करती रही है और हर तरह के विरोध को कुचलती रही है।
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