Nasa Alert: 1 लाख KMPH की वेग से पृथ्वी की तरफ आ रहा विशाल क्षुद्रग्रह, NASA ने किया आगाह

Nasa Alert on Asteroid: नासा के मुताबिक एक ऐसा ही विशाल क्षुद्रग्रह काफी तेज रफ्तार से पृथ्वी की तरफ आ रहा है। नासा के सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज (CNEOS) का कहना है कि इस क्षुद्रग्रह का नाम एस्ट्रायड 2024 EU4 है जो कि 420 फीट का है।

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पृथ्वी की तरफ आ रहा क्षुद्रग्रह।

Nasa Alert on Asteroid: अंतरिक्ष से समय-समय पर क्षुद्र ग्रह पृथ्वी की तरफ आते रहते हैं लेकिन इनमें से ज्यादातर पृथ्वी के वातावरण में आते ही घर्षण के कारण प्रभावहीन हो जाते हैं या पृथ्वी से काफी दूर से गुजर जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी विशालकाय क्षुद्रग्रह होते हैं जिनके पृथ्वी से टकराने की आशंका रहती है। इनके टकराने पर पृथ्वी को नुकसान पहुंचने का जोखिम रहता है। हालांकि, इन पर नजर रखने वाली नासा जैसी अंतरिक्ष एजेंसियां समय रहते इनके काट की योजना भी तैयार कर लेती हैं।

420 फीट का है एस्ट्रायड 2024 EU4

नासा के मुताबिक एक ऐसा ही विशाल क्षुद्रग्रह काफी तेज रफ्तार से पृथ्वी की तरफ आ रहा है। नासा के सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज (CNEOS) का कहना है कि इस क्षुद्रग्रह का नाम एस्ट्रायड 2024 EU4 है जो कि 420 फीट का है, यह बेहद ही तीव्र गति से पृथ्वी की तरफ आ रहा है। इसका आकार समान्य रूप से काफी बड़ा है और इसकी रफ्तार भी असमान्य है।

EU4 की रफ्तार प्रतिघंटे 101,885 किलोमीटर

नासा के आंकड़ों के मुताबिक एस्ट्रायड 2024 EU4 की रफ्तार प्रतिघंटे 101,885 किलोमीटर है। चिंता करने वाली बात यह है कि यह एस्ट्रायड 23 मार्च को पृथ्वी के करीब पहुंचेगा। नासा के अनुमान के मुताबिक यह क्षुद्रग्रह हमारी पृथ्वी से 4.5 मिलियन मील की दूरी के दायरे में आएगा। हालांकि, यह दूरी ज्यादा लग सकती है लेकिन यह अपने रास्ते से जरा भी भटका तो इसमें पृथ्वी पर भयंकर नुकसान पहुंचाने की क्षमता है।

एस्ट्रायड पर नासा की करीबी नजर

एस्ट्रायड 2024 EU4 के 420 फीट चौड़े आकार को देखते हुए नासा ने इसे नुकसान पहुंचाने की क्षमता रखने वाले ऑब्जेक्ट के रूप में रखा है। अंतरिक्ष का कोई भी ऑब्जेक्ट जो 150 मीटर से बड़ा और पृथ्वी से 4.6 मिलियन मील के दायरे में प्रवेश करता है, नासा उसे नुकसान पहुंचाने की क्षमता वाले ऑब्जेक्ट की श्रेणी में रखता है। इस विशाल क्षुद्रग्रह की रफ्तार एवं उसकी दिशा पर नासा की करीबी नजर है। नासा ने इस बात की पुष्टि की है कि यह पृथ्वी के पास से गुजरते हुए भी इससे सुरक्षित दूरी बनी रहेगी।

ऐसे पड़ता है किसी एस्ट्रॉयड का नाम

किसी एस्ट्रॉयड के नामकरण के पीछे एक प्रक्रिया होती है। इस काम को इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन (IAU) अंजाम देता है। कोई एस्ट्रॉयड जब लगातार दो रात नजर आता है तो उसके नामकरण की प्रक्रिया शुरू होती है। ऑब्जर्बर लगातार दो रात दिखने वाले एस्ट्रॉयड का डाटा आईएयू को भेजता फिर इसे 1992 KD जैसा नाम दिया जाता है। एस्ट्रॉयड के शुरुआत नाम में उसके दिखने के वर्ष और दूसरे दो लेटर उसके पता चलने के क्रम को बताते हैं।
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