बीमारियों को न्योता, 2022 में भारत के 50 फीसदी वयस्क शारीरिक रूप से नहीं थे सक्रिय, Lancet स्टडी में खुलासा

लांसेट के शोधकर्ताओं के मुताबिक, 2010 में शारीरिक रूप से पर्याप्त सक्रिय नहीं रहने वाले वयस्कों की संख्या 26.4 प्रतिशत थी, जिसमें 2022 में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

लांसेट रिपोर्ट में खुलासा

Lancet Study: भारत के करीब 50 प्रतिशत वयस्क 2022 में शारीरिक रूप से पर्याप्त सक्रिय नहीं थे। यह खुलसा ‘द लांसेट ग्लोबल हेल्थ’ (The Lancet Global Health) जर्नल में प्रकाशित एक शोधपत्र में हुआ है। अध्ययन के मुताबिक, दक्षिण एशिया की परिपाटी के अनुसार भारत की 57 प्रतिशत महिलाएं शारीरिक रूप से पर्याप्त सक्रिय नहीं थीं, जबकि पुरुषों में यह दर 42 प्रतिशत थी। अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि के मामले में क्षेत्र की महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले औसतन 14 प्रतिशत अधिक है।

दक्षिण एशिया क्षेत्र का स्थान दूसरा

विश्व स्वस्थ्य संगठन (WHO) सहित अंतरराष्ट्रीय अनुसंधानकर्ताओं की टीम के अध्ययन के मुताबिक वयस्कों के शारीरिक रूप से पर्याप्त रूप से सक्रिय नहीं रहने के मामले में दक्षिण एशिया क्षेत्र का स्थान दूसरा है, जबकि उच्च आय वाले एशिया प्रशांत क्षेत्र में यह दर सबसे अधिक है। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि वैश्विक स्तर पर लगभग एक तिहाई वयस्क (31.3 प्रतिशत) शारीरिक रूप से पर्याप्त सक्रिय नहीं थे। उन्होंने पर्याप्त सक्रियता को सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक सक्रियता या प्रति सप्ताह 75 मिनट की तीव्र-तीव्रता वाली शारीरिक सक्रियता के रूप में परिभाषित किया है।

2010 के मुकाबले 5 फीसदी बढ़ोतरी

शोधकर्ताओं के मुताबिक, 2010 में शारीरिक रूप से पर्याप्त सक्रिय नहीं रहने वाले वयस्कों की संख्या 26.4 प्रतिशत थी, जिसमें 2022 में पांच प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि अगर इस अवधि की तरह ही आगे भी रुझान रहा तो शारीरिक सक्रियता में 15 प्रतिशत के सुधार के तय लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि 2000 में करीब 22 प्रतिशत वयस्क पर्याप्त रूप से शारीरिक गतिविधि में संलिप्त नहीं थे, जबकि 2010 में यह दर बढ़कर 34 प्रतिशत हो गई।

End Of Feed