Nepal Violence: नेपाल में जिस राजशाही के लिए लोगों ने काटा था गदर, अब उसी के राजा से जुर्माना वसूलेगी सरकार, सुरक्षा में भी कटौती
Nepal Violence: नेपाल में राजशाही समर्थक काठमांडू और देश के अन्य भागों में रैलियां आयोजित कर रहे हैं तथा 2008 में समाप्त की गई 240 वर्ष पुरानी राजशाही को पुनः स्थापित करने की मांग कर रहे थे।

नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र
- नेपाल में राजशाही को लेकर प्रदर्शन
- कई इलाकों में स्थिति तनावपूर्ण
- अब पूर्व नरेश पर सरकार ने कसा शिकंजा
Nepal Violence: नेपाल में राजशाही की वापसी के लिए लोग सड़कों पर उतरे हैं। आगजनी कर रहे हैं, पथराव कर रहे हैं, तोड़फोड़ कर रहे हैं। लोग नेपाल से लोकतंत्र हटाने और राजा को वापस लाने की मांग कर रहे हैं। इस प्रदर्शन के बाद अब सरकार ने पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह की अपील के बाद ही नेपाली लोग, प्रदर्शन करने उतरे हैं।
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पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह से मांगा जुर्माना
काठमांडू नगर निकाय ने शनिवार को पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह को एक पत्र भेजा, जिसमें एक दिन पहले राजधानी के कुछ हिस्सों में राजशाही समर्थक विरोध प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति तथा पर्यावरण को हुए नुकसान को लेकर हर्जाना मांगा गया है।
घटाई गई सुरक्षा
नेपाल सरकार ने पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह के लिए तैनात सुरक्षाकर्मियों की संख्या घटा दी है। गृह मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी। यह कदम नेपाल की राजधानी के कुछ हिस्सों में राजशाही समर्थक प्रदर्शनों के हिंसक हो जाने के एक दिन बाद उठाया गया है। पूर्व नरेश के निजी आवास निर्मल निवास पर सुरक्षाकर्मियों की संख्या शुक्रवार के विरोध प्रदर्शनों के बाद 25 से घटाकर 16 कर दी गई।
काठमांडू में स्थिति तनावपूर्ण
काठमांडू के कुछ हिस्सों में शुक्रवार को तनावपूर्ण स्थिति देखी गई, जब राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया। प्रदर्शनकारियों ने एक राजनीतिक पार्टी के कार्यालय पर हमला किया, वाहनों में आग लगा दी और काठमांडू के तिनकुने-बानेश्वर क्षेत्र में दुकानें लूट लीं। सुरक्षाकर्मियों और राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में एक टीवी कैमरामैन समेत दो लोग की मौत हो गई और 110 अन्य घायल हो गए।
7,93,000 नेपाली रुपये का जुर्माना
चूंकि यह विरोध प्रदर्शन ज्ञानेंद्र शाह के आह्वान पर आयोजित किया गया था, इसलिए काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी (केएमसी) के महापौर बालेंद्र शाह ने काठमांडू के बाहरी इलाके महाराजगंज में निर्मला निवास में स्थित उनके आवास पर एक पत्र भेजा, जिसमें उन्हें नुकसान के हर्जाने के रूप में 7,93,000 नेपाली रुपये का भुगतान करने को कहा गया। पूर्व नरेश को भेजे गए पत्र की प्रतियां मीडिया में जारी की गईं हैं, जिसमें केएमसी ने कहा कि पूर्व नरेश के आह्वान पर आयोजित विरोध प्रदर्शन से महानगर की विभिन्न संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है और राजधानी का पर्यावरण प्रभावित हुआ है।
देश भर में हो रहे प्रदर्शन
शुक्रवार के आंदोलन के संयोजक दुर्गा प्रसाद ने एक दिन पहले ज्ञानेंद्र शाह से मुलाकात की थी और उन्हें राजशाही व हिंदू राष्ट्र की बहाली की मांग को लेकर आंदोलन करने के निर्देश मिले थे। राजशाही समर्थक काठमांडू और देश के अन्य भागों में रैलियां आयोजित कर रहे हैं तथा 2008 में समाप्त की गई 240 वर्ष पुरानी राजशाही को पुनः स्थापित करने की मांग कर रहे थे।
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