फिर विवाद को हवा देने की तैयारी में नेपाल, एक साल के भीतर नए विवादित नोट छापेगा

तत्कालीन प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड के नेतृत्व में नेपाल के मंत्रिमंडल ने तीन मई को संशोधित मानचित्र को शामिल करते हुए नए बैंक नोट छापने का निर्णय लिया था।

नेपाल छापेगा विवादित नोट

Nepal Disputed Notes: नेपाल का केंद्रीय बैंक एक साल के भीतर संशोधित मानचित्र वाले नये बैंक नोट छापने की तैयारी कर रहा है, जिसमें भारत के क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा। मीडिया में मंगलवार को प्रकाशित एक खबर में यह जानकारी दी गई। ऑनलाइन समाचार पोर्टल ‘नेपालखबर डॉट कॉम’ ने नेपाल राष्ट्र बैंक के संयुक्त प्रवक्ता दिल्लिराम पोखरेल के हवाले से बताया कि नेपाल राष्ट्र बैंक ने नए मानचित्र के साथ बैंक नोटों की छपाई की प्रक्रिया पहले ही आगे बढ़ा दी है, जिसमें कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को शामिल किया गया है।

नए नोटों की छपाई प्रक्रिया आगे बढ़ी

पोखरेल ने कहा कि बैंक ने नए नोटों की छपाई की प्रक्रिया पहले ही आगे बढ़ा दी है और यह छह महीने से एक साल में पूरी हो जाएगी। हालांकि, जब समाचार पोर्टल की खबर पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो बैंक के प्रवक्ता टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हुए। तत्कालीन प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड के नेतृत्व में नेपाल के मंत्रिमंडल ने तीन मई को संशोधित मानचित्र को शामिल करते हुए नए बैंक नोट छापने का निर्णय लिया था, जिसमें कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया।

नेपाल के दावे पर भारत का जवाब

भारत बार-बार स्पष्ट कर चुका है कि लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा उसके क्षेत्र हैं। नेपाल के नए नोट में उत्तराखंड में भारत के कुछ गांवों से लेकर नेपाल तक का हिस्सा दिखाया गया था। इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि काठमांडू इस तरह के एकतरफा कदमों से जमीनी हकीकत नहीं बदलेगी। यह क्षेत्रीय विवाद 372 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को लेकर है, जिसमें उत्तराखंड के पठारी जिलों में भारत-नेपाल-चीन के बीच स्थित लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी शामिल हैं। नेपाल का दावा है कि यह क्षेत्र ऐतिहासिक और प्रत्यक्ष रूप से उसका है। लेकिन भारत ने इसका पुरजोर विरोध किया है। (भाषा इनपुट)
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