चुनाव से पहले Nepal के पूर्व PM ने India के 3 क्षेत्रों को बता दिया अपना, कहा- इन्हें वापस लाएंगे
पश्चिमी नेपाल में भारत की सीमा के नजदीक धारचुला जिले में अपनी नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के राष्ट्रव्यापी चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए ओली ने यह बात कही।
नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली।
नेपाल (Nepal) के पूर्व प्रधानमंत्री के.पी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) ने संसदीय चुनाव (Parliamentry Elections) से पहले विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर हम सत्ता में आए तो नेपाल के उन हिस्सों को वापस लाएंगे, जिस पर भारत अपना दावा करता है।
शुक्रवार (चार नवंबर, 2022) को उन्होंने कहा कि 20 नवंबर, 2022 को होने वाले संसदीय चुनाव में अगर उनकी पार्टी की जीत होती है तो देश के उन हिस्सों पर दोबारा दावा किया जाएगा जिसे भारत अपना बताता है।
पार्टी अध्यक्ष के मुताबिक, ‘‘हम कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को वापस लाएंगे।’’ पश्चिमी नेपाल में भारत की सीमा के नजदीक धारचुला जिले में अपनी नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के राष्ट्रव्यापी चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए ओली ने यह बात कही।
वैसे, ओली अपने विवादित बयानों को लेकर पहले भी चर्चा में रहे हैं। भगवान राम और अयोध्या के बाद उन्होंने साल 2021 में दावा किया था कि योग भारत से नहीं बल्कि नेपाल में निकल कर आया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर तब वह बोले थे- योग का जन्म नेपाल में हुआ है।
नेपाल के चुनाव में क्या है बड़े और अहम मुद्दे?
अर्थव्यवस्था, महंगाई और राजनीतिक स्थिरता।
ये हैं प्रमुख दावेदार
असल मुकाबला नेपाली कांग्रेस पार्टी और यूएमएल पार्टी के बीच है। पीएम शेर बहादुर देबुआ (76) नेपाली कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व करते हैं, जिसका गठजोड़ माओइस्ट सेंटर पार्टी से है। वह सत्ता में छठी बार लौटने के प्रयास करेंगे, जबकि यूएमएल की तरफ से 70 बरस के ओली अपने पूर्व के कार्यकाल में चीन के पक्ष वाले स्टैंड के लिए जाने जाते हैं।
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