स्कॉटलैंड के गुरुद्वारे में भारतीय उच्चायुक्त का विरोध, सिख कट्टरपंथियों ने प्रवेश करने से रोका
भारत और कनाडा के बीच विवाद तब शुरू हुआ जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितंबर को जून में निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ बताया।
विक्रम दोरईस्वामी (Facebook)
Nijjar Killing: ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी को शुक्रवार को स्कॉटलैंड के एक गुरुद्वारे में प्रवेश करने से रोक दिया गया। यह घटना आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद के बीच सामने आई है। जानकारी के अनुसार, दोरईस्वामी को कट्टरपंथी ब्रिटिश सिख कार्यकर्ताओं के एक समूह ने रोका, जिन्होंने उनसे कहा कि उनका यहां स्वागत नहीं है। घटना के बारे में जानकारी देते हुए एक खालिस्तान समर्थक सिख कार्यकर्ता ने कहा कि उन्हें पता चला कि दोराईस्वामी ने अल्बर्ट ड्राइव पर ग्लासगो गुरुद्वारा की गुरुद्वारा समिति के साथ एक बैठक की योजना बनाई थी।
उच्चायुक्त का हुआ विरोध
कार्यकर्ता ने कहा, कुछ लोग आए और उनसे कहा कि उनका स्वागत नहीं है। थोड़ा विरोध हुआ। उसने दावा किया, मुझे नहीं लगता कि जो कुछ हुआ उससे गुरुद्वारा समिति बहुत खुश है। लेकिन ब्रिटेन के किसी भी गुरुद्वारे में भारतीय अधिकारियों का स्वागत नहीं है। हम यूके-भारत की मिलीभगत से तंग आ चुके हैं। हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से हालिया तनाव के कारण ब्रिटिश सिखों को निशाना बनाया जा रहा है। अवतार सिंह खंडा और जगतार सिंह जोहल के साथ भी ऐसा ही है।
जस्टिन ट्रुडो के आरोपों के बाद तनाव
भारत और कनाडा के बीच विवाद तब शुरू हुआ जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितंबर को जून में निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ बताया। भारत ने आरोपों को बेतुका और प्रेरित कहकर खारिज कर दिया और इस मामले पर ओटावा के एक भारतीय अधिकारी के निष्कासन के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया। इस बीच, सूत्रों ने बुधवार को समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि कनाडा में स्थित खालिस्तान समर्थक तत्व भोले-भाले सिख युवाओं को वीजा प्रायोजित करके कनाडा आने के लिए लुभा रहे हैं, जिसका एकमात्र उद्देश्य कनाडाई धरती पर अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इनका इस्तेमाल करना है।
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