निखिल गुप्ता का वीडियो आया सामने, पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने से किया इनकार, US कोर्ट में खुद को बताया निर्दोष

Gurpatwant Singh Pannun Murder Plot: निखिल गुप्ता को पिछले साल 30 जून को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद अमेरिका ने उनके प्रत्यर्पण की मांग की थी। इस साल की शुरुआत में चेक संवैधानिक न्यायालय में उनके प्रत्यर्पण के खिलाफ उनकी अपील के कारण उनका प्रत्यर्पण रुका हुआ था। पिछले महीने उनकी अपील खारिज होने पर उन्हें अमेरिका भेजे जाने का रास्ता साफ हो गया।

Gurpatwant Singh Pannun

गुरपतवंत सिंह पन्नू

Gurpatwant Singh Pannun Murder Plot: खालिस्तानी आतंकी गुरपतपवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोपी भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता ने खुद को निर्दोष बताया है। अमेरिकी कोर्ट में उसने पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल होने से किया इनकार किया है। बता दें, बीते सोमवार को निखिल गुप्ता को यहां की एक संघीय अदालत में पेश किया था। इसी दिन चेक गणराज्य से उसे अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया था। इसका वीडियो भी सामने आया है।

दक्षिणी न्यूयॉर्क के संघीय अदालत में मजिस्ट्रेट न्यायाधीश जेम्स कॉट ने 28 जून को होने वाली सुनवाई तक उन्हें हिरासत में रखने का आदेश दिया है। निखिल गुप्ता के वकील जेफरी चैब्रो ने जमानत के लिए आवेदन नहीं किया। अदालत कक्ष के बाहर, चैब्रो ने कहा कि यह भारत और अमेरिका के लिए एक जटिल मामला है और निर्णय के लिए जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने मजिस्ट्रेट को यह भी बताया कि गुप्ता शाकाहारी हैं। इसलिए उन्हें जेल में शाकाहारी खाना उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

पन्नू की हत्या के लिए सुपारी देने का आरोप

अभियोजन पक्ष ने निखिल गुप्ता पर खालिस्तानी नेता की हत्या के लिए एक व्यक्ति को सुपारी देने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है। गुप्ता पर भारत सरकार द्वारा आतंकवादी घोषित खालिस्तान के लिए अभियान चलाने वाले गुरपतवंत सिंह पन्नून को मारने की साजिश रचने का आरोप है। चेक गणराज्य से प्रत्यर्पण के बाद निखिल गुप्ता को ब्रुकलिन में एक जेल में रखा गया है।

30 जून को हुई थी निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी

बता दें, 52 वर्षीय निखिल गुप्ता को पिछले साल 30 जून को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद अमेरिका ने उनके प्रत्यर्पण की मांग की थी। इस साल की शुरुआत में चेक संवैधानिक न्यायालय में उनके प्रत्यर्पण के खिलाफ उनकी अपील के कारण उनका प्रत्यर्पण रुका हुआ था। पिछले महीने उनकी अपील खारिज होने पर उन्हें अमेरिका भेजे जाने का रास्ता साफ हो गया। जनवरी में न्यूयॉर्क की अदालत में एक याचिका दाखिल कर निखिल गुप्ता के वकील ने कहा था कि उन्हें प्राग में हिरासत में रहने के दौरान बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित रखा गया। वकील ने जनवरी में अदालत से अनुरोध किया था कि अभियोजन पक्ष को मामले के बारे में बचाव पक्ष को अधिक जानकारी प्रदान करने का आदेश दिया जाए, ताकि वह गुप्ता का बचाव किया जा सके।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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