हिंदू पुजारी चिन्मय दास को राहत दिलाने की एक और कोशिश नाकाम, वरिष्ठ वकील का दावा -कोर्ट के बाहर उन पर हमला हुआ
Hindu monk Chinmoy Das: बीते तीन दिसंबर को जब दास की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई तो किसी वकील ने उनका पक्ष नहीं रखा। दरअसल, चिन्मय दास के वकील रमन रॉय पर अज्ञात लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया। इसके बाद से वह अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं और मौत से लड़ाई लड़ रहे हैं।
चिन्मय दास पर देशद्रोह का आरोप है।
Hindu monk Chinmoy Das: बांग्लादेश में गिरफ्तार इस्कॉन के पुजारी चिन्मय दास को राहत दिलाने की एक और कोशिश नाकाम हो गई है। चटगांव की एक अदालत ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ वकील की ओर से दायर जमानत अर्जी खारिज कर दी। द डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक चटगांव मेट्रोपॉलिटन सेशन जज मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि पीठ के सामने चिन्मय का केस रखने का वकालत नामा नहीं है।
कोर्ट के बाहर मुझ पर हमला हुआ-वकील रबींद्र घोष
दरअसल, एक सप्ताह पहले चटगांव कोर्ट में चिन्मय दास का पक्ष रखने के लिए कोई वकील सामने नहीं आया। इसके बाद रबींद्र धोष ने चिन्मय दास को कानूनी मदद उपलब्ध कराने की कोशिश की। रिपोर्ट के मुताबिक 75 साल के घोष जो कि वरिष्ठ वकील हैं, उन्होंने कहा कि बुधवार को जब वह अर्जी दायर करने के लिए गए थे तो कोर्ट के बाहर उन्हें परेशान किया गया और उन पर हमला हुआ। बुधवार को कोर्ट में जब सुनवाई हो रही थी तो अदालत में सैकड़ों वकील जमा हो गए और इससे माहौल अराजक हो गया।
दास के वकील रमन रॉय पर हुआ जानलेवा हमला
बीते तीन दिसंबर को जब दास की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई तो किसी वकील ने उनका पक्ष नहीं रखा। दरअसल, चिन्मय दास के वकील रमन रॉय पर अज्ञात लोगों ने जानलेवा हमला कर दिया। इसके बाद से वह अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं और मौत से लड़ाई लड़ रहे हैं।
अब दो जनवरी को होनी है सुनवाई
घोष ने अपनी याचिका में कहा कि दास को ‘झूठे और जाली मामले’ में गिरफ्तार किया गया है, जबकि वह मधुमेह, दमा और अन्य बीमारियों से ग्रस्त हैं। हालांकि, वकील ने स्वीकार किया कि वह दास से वकालतनाम पर हस्ताक्षर प्राप्त करने के लिए जेल नहीं गए थे। उन्होंने कहा, ‘मैं अब जेल में चिन्मय से मिलूंगा और वकालतनामा (पावर ऑफ अटॉर्नी) हासिल करूंगा।’ सुनवाई तीन दिसंबर को होनी थी, लेकिन अदालत ने अभियोजन पक्ष के सुझाव पर तारीख दो जनवरी 2025 तक टाल दी क्योंकि उनकी (संत) ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ।
चिन्मय दास पर देशद्रोह का आरोप
अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ (इस्कॉन) के पूर्व नेता दास को 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था। अगले दिन चटगांव की एक अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया। अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी क्योंकि उन पर देश के झंडे का कथित रूप से अपमान करने के लिए देशद्रोह का आरोप लगाया गया है।
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