एक पुरस्कार के तीन विनर्स...एक व्यक्ति और दो संगठनों को 2022 का Nobel Peace Prize, जानें- कौन हैं विजेता?

Nobel Peace Prize 2022: Norwegian Nobel Committee की ओर से बताया गया कि यह शांति पुरस्कार जीतने वाले अपने-अपने मुल्कों में सिविल सोसायटी (नागरिक समाज) का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे लंबे समय से सत्ता/शक्ति की आलोचना के अधिकार और नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा को बढ़ावा देते आए हैं।

nobel peace prize 2022

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ ब्यूरो
Nobel Peace Prize 2022: बेलारूस (Belarus) के एलेस बियालियाटस्की (Ales Bialiatski), रूस (Russia) के मानवाधिकार संगठन मेमोरियल (Memorial) और यूक्रेन (Ukraine) के ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन सेंटर फॉर सिविल लिबर्टीज़ (Center for Civil Liberties) को नोबल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) से नवाजा गया है। यह फैसला नॉरवेजियन नोबेल कमेटी (Norwegian Nobel Committee) की ओर से किया गया, जिसकी जानकारी शुक्रवार (सात अक्टूबर, 2022) को नोबेल प्राइज (Nobel Prize) की ओर से दी गई।
समिति की ओर से बताया गया कि यह शांति पुरस्कार जीतने वाले अपने-अपने मुल्कों में सिविल सोसायटी (नागरिक समाज) का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे लंबे समय से सत्ता/शक्ति की आलोचना के अधिकार और नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा को बढ़ावा देते आए हैं। बयान में आगे कहा गया- जंग से जुड़े अपराधों, मानवाधिकार संबंधी शोषण और सत्ता के गलत इस्तेमाल को डॉक्यूमेंट करने में भी अथक प्रयास करते रहे हैं। ये तीनों मिलकर शांति और लोकतंत्र के लिहाज से नागरिक समाज की अहमियत को दर्शाते हैं।
एक नजर में जान लेते हैं तीनों विजेताओं के बारे मेंः
Ales Bialiatski
बेलारूस में लोकतंत्र बहाली से जुड़े आंदोलन के जनकों में से एक हैं, जो कि 1980 के मध्य में चालू हुआ था। उन्होंने अपना सारा जीवन लोकतंत्र कायम कराने और अपने देश में शांतिपूर्ण ढंग से विकास हो, यह सुनिश्चित करने के लिए लगा दिया। उन्होंने साल 1996 में मानवाधिकार संगठन Viasna (Spring) की स्थापना की थी। हालांकि, वहां सरकार ने कई बार उनकी आवाज दबाने के प्रयास किए। 2020 से वह बगैर ट्रायल के हिरासत में हैं।
Memorial
मानवाधिकार संगठन मेमोरियल साल 1987 में पूर्व सोवियत संघ में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने स्थापित किया था। वे यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि कम्युनिस्ट शासन के उत्पीड़न के शिकार लोगों को कभी नहीं भुलाया जाएगा। मेमोरियल इस धारणा पर आधारित है कि नए अपराधों को रोकने के लिए पिछले अपराधों का सामना करना जरूरी है। यह संगठन सैन्यवाद का मुकाबला करने और कानून के शासन पर आधारित मानवाधिकारों और सरकार को बढ़ावा देने के प्रयासों में भी सबसे आगे खड़ा रहा है।
CCL
यह संगठन यूक्रेन में मानवाधिकारों और लोकतंत्र को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। इसने यूक्रेन के नागरिक समाज को मजबूत करने और अधिकारियों पर यूक्रेन को एक पूर्ण लोकतंत्र बनाने के लिए दबाव बनाने के लिए स्टैंड लिया है। फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद यह सेंटर यूक्रेनी आबादी के खिलाफ रूसी युद्ध अपराधों की पहचान करने और उनका दस्तावेजीकरण करने के प्रयासों में लगा हुआ है। यह केंद्र दोषी पक्षों को उनके अपराधों के लिए जवाबदेह ठहराने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
दरअसल, नोबेल शांति पुरस्कार सारे नोबेल पुरस्कारों में सबसे प्रसिद्ध होते हैं। आमतौर पर, यह उन्हें दिया जाता है, जो "आर्मी की तैनाती में कमी लाने और शांति बहाली में अपने राष्ट्र में सबसे अच्छा काम करने वाले होते हों।"
चूंकि, विनर्स को पुरस्कार दिया जाता है। ऐसे में सोचना लाजिमी है कि विजेताओं को इसमें क्या कुछ मिलता है? विजेताओं को नोबेल डिप्लोमा (अनोखे आर्ट वर्क वाला), नोबेल मेडल (अलग-अलग किस्म के) और नकद पुरस्कार (10 मिलियन स्वीडिश क्रोना यानी लगभग 911,000 डॉलर) दिया जाता है। वैसे, अगर एक ही श्रेणी में अगर एक से अधिक विजेता जब होते हैं, तब ईनाम की रकम बांट दी जाती है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | दुनिया (world News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

अभिषेक गुप्ता author

छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ नजर से खबर पकड़ने में पारंगत और "मीडिया की मंडी" ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited