रूस में पुतिन से NSA की मुलाकातः बोले डोभाल- जरूरत के वक्त भारत देगा अफगानिस्तान का साथ; जानें- और क्या हुई बात?
डोभाल ने बुधवार को अफगानिस्तान पर सुरक्षा परिषदों के सचिवों/एनएसए की पांचवीं बैठक में शिरकत की। यह बैठक रूस ने आहूत की है।
एनएसए डोभाल और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात मॉस्को में हुई है। (फोटोः @Ekthi_MeenuD)
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल गुरुवार (नौ फरवरी, 2023) को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिले। दोनों दिग्गजों के बीच मॉस्को में हुई इस भेंट के दौरान विभिन्न द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही दोनों मुल्कों के बीच रणनीतिक साझेदारी के क्रियान्वयन की दिशा में काम करते रहने पर सहमति जताई गई। दूतावास की ओर से माइक्रो ब्लॉगिंग मंच ट्विटर पर इस बाबत बताया गया कि एनएसए डोभाल ने राष्ट्रपति पुतिन से भेंट की। संबंधित खबरें
पुतिन के आवास क्रेमलिन की ओर से बताया गया कि रूसी राष्ट्रपति ने अफगानिस्तान पर बहुपक्षीय चर्चा में भाग लेने आए प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों से मुलाकात की। पुतिन ने कहा, “ हम इस बात से भी चिंतित हैं कि गैर क्षेत्रीय ताकतें अफगानिस्तान के हालात का इस्तेमाल कर अपने आधारभूत ढांचा का विस्तार या उनके निर्माण की कोशिश कर रही हैं।”संबंधित खबरें
वह आगे बोले, “ये देश अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने के बहाने से ये करेंगे लेकिन वे ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं जो वास्तविक तौर पर आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए असल में जरूरी है।” बकौल पुतिन, “ ज़ाहिर तौर पर देश के हालात सुधार नहीं रहे हैं और हम यह देख रहे हैं। मानवीय स्थिति बदतर हो रही है।”संबंधित खबरें
डोभाल की तरफ से मीटिंग में कहा गया कि किसी भी देश को आतंकवाद और कट्टरपंथ फैलाने के लिए अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल करने नहीं दिया जाना चाहिए और भारत अफगानिस्तान के लोगों को जरूरत के वक्त कभी अकेला नहीं छोड़ेगा। संबंधित खबरें
डोभाल जी-20 के विदेश मंत्रियों की दिल्ली में कुछ हफ्तों बाद होने वाली बैठक से पहले रूस पहुंचे। इस बैठक में रूस और भारत के अलावा, ईरान, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, चीन, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने इससे पहले सोमवार को कहा था कि रूस, भारत के साथ अपने संबंधों में और विविधता लाना चाहता है।संबंधित खबरें
वैसे, एनएसए की यात्रा से करीब तीन महीने पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस गए थे। इस दौरान दोनों पक्षों ने अपने आर्थिक संबंधों को विस्तार देने का संकल्प लिया था जिसमें भारत द्वारा रूस से पेट्रोलियम उत्पादों का आयात भी है। (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)संबंधित खबरें
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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