अहम बैठक के लिए अमेरिका में NSA अजीत डोभाल, भारत-अमेरिका रिश्ते को नया आयाम देगा ICET
NSA Ajit Doval US Visit : भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अमेरिका के दौरे पर हैं। एनएसए डोभाल का यह अमेरिका दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनका यह दौरा अमेरिका और भारत के सामरिक एवं कूटनीतिक रिश्तों में नया आयाम देने वाला बताया जा रहा है।
वाशिंगटन में अपने अमेरिका समकक्ष के साथ वार्ता करते एनएसए अजीत डोभाल।
NSA Ajit Doval US Visit : भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अमेरिका के दौरे पर हैं। एनएसए डोभाल का यह अमेरिका दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उनका यह दौरा अमेरिका और भारत के सामरिक एवं कूटनीतिक रिश्तों में नया आयाम देने वाला बताया जा रहा है। डोभाल अपनी यात्रा के पहले दिन सोमवार को अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू के साथ दिखाई दिए। इसके बाद वह वाशिंगटन डीसी में 'इनीशिएटिव फॉर क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नॉलजी' (आईसीईटी) की बैठक में शरीक हुए।
आईसीईटी की यह पहली बैठक
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक वह आईसीईटी की पहली औपचारिक वार्ता में शरीक होंगे। बताया जा रहा है कि वह मंगलवार को व्हाइट हाउस में अपने अमेरिकी समकक्ष जेक सुलिवन के साथ आईसेट पर चर्चा करेंगे। जानकारों का मानना है कि असैन्य परमाणु समझौते के बाद भारत और अमेरिका के रिश्तों में यह वार्ता 'मील का एक बड़ा पत्थर' साबित हो सकती है। आईसीईटी के तहत होने वाली वार्ता के बारे में दोनों देशों के अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। समझा जा रहा है कि बैठक में जिन बातों पर चर्चा होगी उसके बारे में जानकारी 31 जनवरी को व्हाइट हाउस में दी जाएगी।
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टोक्यो में पहली बार सुनाई पड़ा आईसीईटी
बता दें कि आईसीईटी के बारे में पहली बार चर्चा मई 2022 में टोक्यो में हुई। टोक्यो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन मिले थे। दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद जारी संयुक्त बयान में इसका पहली बार जिक्र आया। डोभाल के साथ एक बड़ा शिष्टमंडल अमेरिका पहुंचा है। इस शिष्टमंडल में सचिव स्तर के अधिकारी एवं कॉरपोरेट जगत की हस्तियां शामिल हैं।
शिष्टमंडल में बड़े अधिकारी शामिल
एनएसए के साथ अमेरिका जाने वाले सचिव स्तर के पांच अधिकारियों में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष एस सोमनाथ, प्रधानमंत्री के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार अजय कुमार सूद, रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार जी सतीश रेड्डी, दूरसंचार विभाग के सचिव के राजाराम और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के महानिदेशक समीर वी कामत शामिल हैं। आईसीईटी के तहत दोनों देशों ने सहयोग के छह क्षेत्रों की पहचान की है। दोनों देशों के बीच सहयोग सह-विकास और सह-उत्पादन के सिद्धांत पर आधारित होगा, जिसे धीरे-धीरे क्वाड (अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान का रणनीतिक समूह), फिर नाटो (उत्तर एटलांटिक संधि संगठन) और फिर यूरोप और बाकी दुनिया में विस्तारित किया जाएगा।
सस्ती प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराना लक्ष्य
इसका मकसद बाकी दुनिया को ऐसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियां प्रदान करना है, जो तुलनात्मक रूप से काफी सस्ती हों। भारत और अमेरिका ने आईसीईटी के तहत सहयोग के लिए जिन छह क्षेत्रों की पहचान की है, उनमें वैज्ञानिक अनुसंधान एवं विकास, क्वांटम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता), रक्षा नवाचार, अंतरिक्ष तथा 6जी और सेमीकंडक्टर जैसी उन्नत संचार पद्धतियां शामिल हैं।
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