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'चीन पर भरोसा करने में थोड़ा वक्त लगेगा', बॉर्डर गश्ती करार पर सेना प्रमुख की पहली प्रतिक्रिया

India-China border patrolling agreement: विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच पिछले कई हफ्तों तक हुई बातचीत के बाद इस समझौते को अंतिम रूप दिया गया और यह 2020 में पैदा हुए गतिरोध के समाधान का मार्ग प्रशस्त करेगा। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि भारतीय और चीनी सैनिक एक बार फिर उसी तरह से गश्त शुरू कर सकेंगे।

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सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी।

मुख्य बातें
  • वास्तविक नियंत्रण रेखा के पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के सैनिक संयुक्त रूप से करेंगे गश्त
  • पूर्वी लद्दाख में कई प्वाइंट्स पर गतिरोध और तनाव कम करने पर राजी हुए हैं दोनों देश
  • सीमा विवाद में यह करार एक बड़ी उपलब्धि है, विश्वास बहाली के लिए काम करेंगे दोनों देश

India-China border patrolling agreement: वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के संयुक्त गश्ती करार पर सेना प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। सेना प्रमुख ने मंगलवार को कहा कि दोनों देशों के बीच विश्वास की बहाली करने की जरूरत है। यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन में 'डिकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन : इंडियन आर्मी इन स्ट्राइड विथ द फ्यूचर' विषय पर बोलते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि एलएसी पर विश्वास की बहाली करना एक नियमित प्रक्रिया होगी। हमें अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति में पहुंचना होगी।

इस काम में थोड़ा वक्त लगेगा-सेना प्रमुख

जनरल द्विवेदी ने कहा, 'दोनों देशों के बीच विश्वास कायम करने के लिए हम काम कर रहे हैं और इस काम में थोड़ा वक्त लगेगा।' सेना प्रमुख ने कहा कि दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के लिए आमने-सामने वाली जगहों से सैनिकों को पीछे हटाना और बफर जोन का प्रबंधन महत्वपूर्ण है। ये सारी प्रक्रियाएं चरणबद्ध तरीके से होंगी। एलएसी पर हर एक कदम तनाव कम करने वाला होगा। एलएसी पर बनाए गए बफर जोन के बारे में जिक्र करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि आपसी समझ के अनुरूप दोनों देशों के बीच विश्वास की बहाली करनी होगा।

'हमें एक-दूसरे को भरोसे में लेना होगा'

उन्होंने कहा, 'हम फिर से विश्वास की बहाली करने की कोशिश कर रहे हैं। विश्वास बहाली कैसे होगी? तो इसका जवाब है कि यह तभी होगा जब हम एक दूसरे से मिलकर एक-दूसरे को भरोसे में ले सकें। हमें एक दूसरे को भरोसा दिलाना होगा कि हमने जो बफर जोन बनाए हैं, उसमें हम चुपके से दाखिल नहीं हो रहे हैं।'

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