Operation Dost: तबाही के बाद Turkey के यूं जख्म भर रहा India, जा चुकी हैं 19300 जान; बोले लोग- डर के साए में जी रहे

Operation Dost: भारत ने इससे पहले मंगलवार को चार सी -17 ग्लोबमास्टर सैन्य परिवहन विमानों के जरिए राहत सामग्री तुर्की पहुंचाई थी।

Operation Dost: ऑपरेशन दोस्त के तहत भारत भूकंप प्रभावित तुर्की की मदद में फिलहाल फुर्ती के साथ जुटा है। केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ.एस जयशंकर ने गुरुवार (नौ फरवरी, 2023) को बताया कि तुर्की के हेते (Hatay) में इस्केदरम (Iskenderun) में आर्मी फील्ड हॉस्पिटल ने काम करना शुरू कर दिया है। वहां पर मेडिकल, सर्जिकल और इमरजेंसी वॉर्ड्स के साथ एक्स-रे लैब और मेडिकल स्टोर भी अब काम कर रहे हैं। एडीजी पीआई - भारतीय सेना की टीम भूकंप प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए 24 घंटे सातों दिन काम करेगी।
आपदा प्रबंधन एजेंसी के ताजा आंकड़ों के अनुसार, तुर्की और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 19,300 के पार (खबर लिखे जाने तक) जा चुकी है। इस बीच, राहतकर्मी मलबे के ढेर में दबी जिंदगी तलाशने में जुटे रहे और हादसे में जिंदा बचे कई और लोगों को निकाला। तुर्की में सोमवार तड़के आए भूकंप और उसके बाद के झटकों से देश में 12,873 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई, जबकि 60 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए। वहीं, सीरिया में भी 3,162 लोगों के मारे जाने की सूचना मिली और वहां पांच हजार से ज्यादा लोग घायल हुए।
भूकंप से जान-माल को हुए नुकसान के बीच लाखों लोग बेघर भी हो गए। दरअसल, तुर्की 7.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया था और उसके बाद भी कई झटके महसूस किए गए थे। झटकों के दौरान काफी संख्या में इमारतें ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर ढह गईं, जिसके चलते हजारों लोगों के घरों को नुकसान हुआ। यही नहीं, कड़ाके की सर्दी के कारण कई लोगों की मौत हो गई है।
तुर्की में वास्तुशिल्प इतिहास की विद्वान कुबरा हैलिसी ने इस्तांबुल से समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा को बताया- हालांकि, हमलोग भूकंप के केंद्र से बहुत दूर रह रहे हैं, लेकिन हमने भूकंप के बाद आए शक्तिशाली झटकों को महसूस किया है। मैं और मेरे परिवार के लोग सुरक्षित हैं लेकिन मेरे देश के टुकड़े हो गए। भूकंप के कारण 10 प्रांत प्रभावित हुए और हम लोग स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में केवल मौत और विनाश के दृश्य देख रहे।
बकौल हैलिसी, ‘‘मैं सुरक्षित हूं पर अच्छा महसूस नहीं कर रही हूं। भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में मौतें, बीमार और घायल लोग तथा वहां रहने वाले हमारे देशवासी...यह सब हमारे लिए एक बुरे सपने जैसा है। हम कई ऐसे लोगों को जानते हैं जो अपने परिजनों के पास जाने में अक्षम हैं क्योंकि देश में 7.8 तीव्रता का जबरदस्त भूकंप आया और उसके बाद 7.5 तीव्रता के झटके महसूस किये गये।’’ (पीटीआई-भाषा इनपुट्स के साथ)
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अभिषेक गुप्ता author

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