किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक का ब्रिटेन में विरोध, जानें- खास वजह

King Charles Coronation Protest: किंग चार्ल्स का ब्रिटेन के राजा के रूप में राज्याभिषेक हो चुका है। लेकिन राजशाही के खिलाफ आंदोलन चला रहे समूहों का कहना है कि व्यापाक समर्थन मिलने के बाद वे लोग अपने अभियान को और तेज करेंगे।

किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक का विरोध

मुख्य बातें
  • 6 मई को हुआ था राज्याभिषेक
  • राजशाही के खिलाफ विरोध
  • ब्रिटेन में राजशाही के खात्मे की मांग

King Charles Coronation Protest: 6 मई 2023 को भव्य समारोह में ब्रिटेन के राजा किंग चार्ल्स iii का राज्याभिषेक हुआ। लेकिन उस खास दिन हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे जो राजशाही का विरोध कर रहे थे। अब उनका कहना है कि इस मुहिम को और आगे बढ़ाया जाएगा। जीबी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक राजशाही का विरोध कर रहे समूह का कहना है कि उन्हें व्यापक समर्थन मिल रहा है जिससे जनता के मूड को भांपा जा सकता है। यूके का सबसे बड़ा राजशाही विरोधी समूह- ने राजा को धमकी जारी की। इसके सीईओ ग्राहम स्मिथ ने जीबी न्यूज से कहा कि हम जरा सा भी विचलित नहीं हैं। राज्याभिषेक के दौरान गिरफ्तारी पर ग्राहम स्मिथ ने कहा कि इसमें लोगों को प्रेरित किया गया है।

एंटी मोनार्च समूह का दावा

उन्होंने कहा कि राजशाही विरोधी समूह ने शाही परिवार के कार्यक्रमों में विरोध जारी रखने की कसम खाई है।किंग चार्ल्स के राज्याभिषेक के बाद से रिपब्लिक की सदस्यता में वृद्धि की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि हम इस साल विरोध प्रदर्शनों को तेज करने की कोशिश करेंगे। 6 मई को राज्याभिषेक के बाद के दिनों में सदस्यों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई, लगभग 5000 से बढ़कर लगभग 9000 हो गई। राज्याभिषेक के बाद रिपब्लिक ने 75,000 से 100,000 पौंड का सहयोग मिला। समारोह के दिन समूह की धनराशि 47,000 से बढ़कर 91,000 पाउंड से अधिक हो गई। उन्होंने कहा कि समूह को करीब 20,000 पाउंड का दान भी मिला है, जिसमें अलग से 10000 पाउंड का एक दान भी शामिल है।

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