चीन के साथ संबंध अच्छे नहीं हैं, लेकिन दोनों देश मिलकर इस मुद्दे को सुलझाएंगे : विदेश मंत्री जयशंकर
भारत और चीन के रिश्तों पर बात करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आज टोक्यो में कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देशों को अपने रिश्ते स्वयं ही सुधारने हैं। दोनों देशों के बीच रिश्तों का असर दुनिया पर भी पड़ता है।
विदेशमंत्री एस. जयशंकर
टोक्यो : भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर QUAD विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए टोक्यो में हैं। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत और चीन के बीज रिश्ते अच्छे नहीं हैं। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों देश आपसी मुद्दों को सुलझाने के लिए किसी अन्य देश की तरफ नहीं देख रहे हैं। उन्होंने कहा, हमारे मुद्दे में दुनिया रुचि लेती है, क्योंकि इसका असर दुनिया पर भी पड़ता है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत-चीन सीमा विवाद में किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप से इनकार करते हुए सोमवार को कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच मुद्दे का समाधान उन्हीं दोनों को निकालना है। जयशंकर ने टोक्यो में संवाददाता सम्मेलन में कई सवालों के जवाब में कहा, 'भारत और चीन के बीच वास्तविक मुद्दे को सुलझाने के लिए हम अन्य देशों की ओर नहीं देख रहे हैं।'
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क्वाड समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए टोक्यो आए जयशंकर ने यह भी कहा कि चीन के साथ भारत के संबंध अच्छे नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'हमारे बीच एक समस्या है, या मैं कहना चाहूंगा कि भारत और चीन के बीच एक मुद्दा है...मुझे लगता है कि हम दोनों को इस पर बात करनी चाहिए और समाधान निकालना चाहिए।'
उन्होंने इस महीने चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ दो बार हुई अपनी बैठक को याद करते हुए कहा, 'जाहिर है, दुनिया के अन्य देशों की भी इस मामले में रुचि होगी, क्योंकि हम दो बड़े देश हैं और हमारे संबंधों की स्थिति का बाकी दुनिया पर प्रभाव पड़ता है। लेकिन हम अपने बीच के वास्तविक मुद्दे को सुलझाने के लिए अन्य देशों की ओर नहीं देख रहे हैं।'
जयशंकर और वांग की पिछले सप्ताह लाओस की राजधानी में मुलाकात हुई थी, जहां उन्होंने दक्षिण पूर्व एशियाई संगठन (आसियान) की बैठकों में भाग लिया था। बैठक के दौरान, उन्होंने मई 2020 में पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिरोध के बाद सैनिकों को पीछे हटाने की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मजबूत मार्गदर्शन देने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की थी।
चार जुलाई को जयशंकर और वांग ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मेलन के दौरान कजाखस्तान की राजधानी अस्ताना में मुलाकात की थी।
इनपुट - पीटीआई
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Digpal Singh author
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