पाकिस्तान में न लोग सुरक्षित न मुर्दे सुरक्षित, अस्पताल में घुस कर लोग ले भागे उनका शव, जिन्होंने जाफर एक्सप्रेस का किया था अपहरण
पाकिस्तान के पुलिस अधिकारियों ने क्वेटा के विभिन्न हिस्सों में छापेमारी की, जिसमें कम से कम तीन शव बरामद हुए। सूत्रों के अनुसार, सरियाब रोड और सचिवालय चौक में छापेमारी की गई और कई लोगों को हिरासत में भी लिया गया।

जाफर एक्सप्रेस को बलूच लिबरेशन आर्मी ने किया था हाईजैक
पाकिस्तान में जिस तरह से आतंकी हमले को अंजाम दिया जा रहा है, उससे लोग तो सुरक्षित नहीं ही दिख रहे हैं, लेकिन अब जो घटना हुई है, उससे अस्पताल में रखे शव भी सुरक्षित नहीं दिख रहे हैं, बलूच लिबरेशन आर्मी के जिन लोगों ने पाकिस्तान में ट्रेन को हाईजैक किया था और इस दौरान मारे गए थे, उनकी लाश ही चोरी हो गई, वो भी दिन दहाड़े। अधिकारियों के सामने से लोग लाश को लेकर भाग गए।
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कौन ले भागा शव
बलूचिस्तान की प्रांतीय राजधानी क्वेटा के सिविल अस्पताल में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी घुस गए और कई शवों को अपने साथ लेकर भाग गए। माना जा रहा है कि ये शव बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के विद्रोहियों के हैं, जिन्होंने हाल ही में बोलन में जाफर एक्सप्रेस यात्री ट्रेन पर हमला किया था। सिविल अस्पताल के बाहर यह प्रदर्शन विवादास्पद बलूच अधिकार कार्यकर्ता महरंग बलूच के नेतृत्व वाले संगठन बलूच यकजेहती कमेटी (बीवाईसी) ने किया था।
क्यों ले गए शव
प्रदर्शन में लापता व्यक्तियों के परिवार के सदस्य अधिकारियों से शवों की पहचान करने की अनुमति देने की मांग कर रहे थे। अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शनकारी जबरन मुर्दाघर में घुसने में सफल रहे और कम से कम पांच शवों को अपने साथ ले गए। हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि लापता व्यक्तियों के रिश्तेदारों ने शवों को लेने से पहले उनकी पहचान की या नहीं।
जाफर एक्सप्रेस के हमलावर के थे शव
स्थानीय अधिकारियों ने पुष्टि की है कि वे शव जाफर एक्सप्रेस पैसेंजर ट्रेन के हमलावरों के थे और प्रतिबंधित बीएलए विद्रोही समूह से संबंधित थे।प्रांतीय सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि जो लाशें ले जाई गईं, वे उन आतंकवादियों की अज्ञात लाशें थीं, जो जाफर एक्सप्रेस पर हमले के बाद सैन्य अभियान में मारे गए थे। इन रिपोर्टों की पुष्टि बीवाईसी कार्यकर्ताओं ने भी की, जिन्होंने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारी अस्पताल के मुर्दाघर से कई शव अपने साथ ले गए। उन्होंने दावा किया कि लापता व्यक्तियों के परिवार अपने प्रियजनों की पहचान करने के लिए अस्पताल में इक्ट्ठा हुए थे। बीवाईसी के एक सदस्य ने कहा कि हम लापता लोगों के परिवार के सदस्यों को यह विश्वास दिलाने के लिए दो दिनों से शवगृह तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे कि वहां रखे शव उनके प्रियजनों के नहीं हैं।
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