आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पड़ी दरार, जानें आखिर क्या है माजरा

World News : पाकिस्तान को आतंकवादियों का सबसे सेफ हाउस कहकर पुकारा जाता है। दुनियाभर के ज्यादातर देशों में होने वाले आतंकी हमलों का कनेक्शन पाकिस्तान में पल रही आतंकी संगठन से निकल ही आता है, लेकिन अब खुद पाकिस्तान ने आतंकवाद के मुद्दे पर अफगानिस्तान की आलोचना की है।

Pakistan bs Afghanistan

पाकिस्तान ने आतंकवाद के मुद्दे पर अफगानिस्तान को घेरा।

Pakistan vs Afghanistan: वो कहावत है न जैसी करनी, वैसी भरनी। आतंकवादियों को अपने देश में पनाह देने वाला पाकिस्तान, भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने वाला पाकिस्तान, अब आतंकवाद के मुद्दे पर अपनी छाती पीट रहा है। दुनियाभर में अपनी नापाक करतूतों के लिए मशहूर पाकिस्तान की टेंशन बढ़ चुकी है। आखिर ऐसी क्या वजह है कि आतंकियों का अड्डा कहे जाने वाला देश खुद ही आतंकवाद के मुद्दे पर दूसरे देश को कोस रहा है। आपको समझाते हैं कि आखिर ये सारा माजरा क्या है।

बोया पेड़ बबूल का, तो आम कहां से खाएं?

खुद ने आतंकवादियों को पनाह देने वाले देश पाकिस्तान ने आतंकवाद पर कार्रवाई न करने पर अफगानिस्तान की आलोचना की है। पाकिस्तान की हालत देखकर उसके लिए एक मशहूर मुहावरा याद आ रहा है- 'बोया पेड़ बबूल का, तो आम कहां से खाएं'। जिसका मतलब है कि जैसा करेंगे, वैसा ही पाएंगे। भारत ने दुनियाभर में पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद के मुद्दों को जोर-शोर से उठाया, लेकिन उसने अपने देश को एक आतंकी अड्डे की तरह बनाए रखा। आज वो अफगानिस्तान पर सवाल खड़ा कर रहा है, लेकिन कहीं न कहीं उसे अपनी गलतियों में सुधार करने पर भी विचार करना चाहिए।

आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान ने क्या कहा?

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस्लामाबाद के बार-बार के अनुरोध के बावजूद पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई न करने के लिए काबुल की अफगान तालिबान सरकार की आलोचना की। आसिफ ने शनिवार को ‘बीबीसी उर्दू’ को दिए एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को पश्चिमी सीमा की ओर भेजने के लिए 10 अरब रुपये की पेशकश भी की है।

आतंकवादी समूहों को लेकर कही ये बड़ी बात

‘जियो न्यूज’ ने आसिफ के हवाले से कहा, 'पाकिस्तान को अफगान सरकार से सहयोग की उम्मीद थी लेकिन वह आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है।' पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार से बार-बार यह अनुरोध किया है कि वह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) तथा अन्य आतंकवादी समूहों को अपनी जमीन का इस्तेमाल न करने दे। हालांकि, काबुल पाकिस्तान के इस दावे को खारिज करता रहा है।
आसिफ ने कहा कि सरकार ने आतंकवादियों को पश्चिमी सीमा के इलाकों में स्थानांतरित करने के लिए 10 अरब रुपये की पेशकश भी की थी लेकिन उसे आशंका है कि आतंकवादी वहां से भी पाकिस्तानी सीमा की ओर लौट सकते हैं। उन्होंने पिछले सप्ताह ‘वॉयस ऑफ अमेरिका’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि पाकिस्तान ‘ऑपरेशन अज्म-ए-इस्तेकाम’ के तहत अफगानिस्तान में सीमा पर आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बना सकता है। उन्होंने टीटीपी के साथ बातचीत की संभावनाओं को भी खारिज किया।
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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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