कंगाली में भी पाकिस्तान का नहीं छूट रहा शौक, चाय की चुस्की लेना छोड़ दे तो नहीं मांगनी पड़ेगी 'भीख'

Pakistan Economy Crisis 2023: पाकिस्तान के आर्थिक हालात बद से बदतर हो चुके हैं। मुल्क का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली हो चुका है। आलम यह है कि जनता रोटी के लिए मोहताज है। ऐसे में देश IMF से बेल आउट पैकेज की किश्त रिलीज करने की गुहार लगा रहा है।

पाकिस्तान में आर्थिक हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।

Pakistan Economy Crisis 2023: पाकिस्तान इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है। यहां महंगाई अपने चरम पर है। जनता को रोजमर्रा की चीजों को खरीदने के लिए जरूरत से ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है। आलम यह है कि यह मुल्क आटा-दाल के लिए भी दूसरों का मोहताज है। ऐसे में पाकिस्तान अपनी बदहाली मिटाने के लिए अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष(IMF) और अन्य देशों के सामने भीख मांग रहा है।

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हालांकि, कंगाली की इस हालत में भी पाकिस्तान के शौक नहीं छूट रहे हैं। चाय पर बड़े खर्च के बावजूद देश में इसकी खपत कम होने का नाम नहीं ले रही है। रोज बदतर हो रहे हालातों के बीच पाकिस्तान के सांख्यिकी ब्यूरो ने चाय से जुड़े आंकड़े जारी किए हैं। आंकड़ों के गणित के हिसाब से अगर पाकिस्तान चाय पर होने वाले खर्च को कम कर ले तो उसकी हालत कुछ हद तक सुधर सकती है।

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पाकिस्तान में एक कप चाय का औसत खर्च 50 रुपयेआंकड़ों के मुताबिक, पाकिस्तान में एक कप चाय की औसत कीमत 50 रुपये है और प्रतिदिन एक व्यक्ति औसतन तीन कप चाय पीता है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मुल्क में बीते एक दशक में चाय की कीमतें तीन गुना तक गढ़ गई हैं। इस हिसाब से एक व्यक्ति औसतन 4500 रुपये की चाय पीता है, जबकि देश में न्यूनतम मजदूरी 15000 रुपये प्रति माह है। ऐसे में एक व्यक्ति अपनी आय का एक बड़ा हिस्सा चाय पर ही खर्च कर रहा है।

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