Pakistan: बिलावल भुट्टो प्रधानमंत्री पद की दौड़ से पीछे हटे, नवाज शरीफ की पार्टी को बाहर से देंगे समर्थन

Pakistan News: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने पीपीपी के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पीएमएल-एन एकमात्र ऐसी पार्टी रह गई, जिसने पीपीपी को सरकार में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

बिलावल भुट्टो

Pakistan News: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी मंगलवार को प्रधानमंत्री पद की दौड़ से हट गए। उन्होंने कहा, उनकी पार्टी सरकार का हिस्सा बने बिना प्रधानमंत्री पद के लिए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के उम्मीदवार का समर्थन करेगी। बिलावल का फैसला पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा मंगलवार को यह दोहराए जाने के कुछ घंटों बाद आया कि पीएमएल-एन के प्रमुख नवाज शरीफ रिकॉर्ड चौथी बार प्रधानमंत्री बनेंगे।

बिलावल ने अपनी अध्यक्षता में हुई पीपीपी की उच्चाधिकार प्राप्त केंद्रीय कार्यकारी समिति की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनकी पार्टी केंद्र में सरकार बनाने के लिए जनादेश प्राप्त करने में विफल रही। बिलावल ने कहा, इस वजह से मैं खुद को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की दौड़ के लिए आगे नहीं रखूंगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने पीपीपी के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पीएमएल-एन एकमात्र ऐसी पार्टी रह गई, जिसने पीपीपी को सरकार में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।

पीएम पद के लिए नवाज शरीफ का किया समर्थन

द न्यूज इंटरनेशनल वेबसाइट की खबर के मुताबिक, बिलावल ने कहा कि पीपीपी ने देश में राजनीतिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री पद के वास्ते पीएमएल-एन के उम्मीदवार का समर्थन करने का फैसला किया। बिलावल ने कहा कि पीपीपी ने सरकार के गठन और राजनीतिक स्थिरता के लिए अन्य राजनीतिक दलों के साथ जुड़ने के वास्ते एक समिति बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पीपीपी सरकार का हिस्सा बने बिना भी स्थिर सरकार बनाने में मदद करेगी। बिलावल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि उनके पिता एवं पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे, क्योंकि वह देश को मौजूदा समस्याओं से बाहर निकालने में सक्षम हैं। उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि पिछली सरकार में पीएमएल-एन के साथ उनका अनुभव अच्छा नहीं था और बैठक में उनकी पार्टी के नेताओं ने चिंता जताई कि गठबंधन सरकार के कार्यकाल के दौरान पीएमएल-एन द्वारा उनके मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया गया।

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